
सीहोर। प्रधान जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष आरएन चंद की अध्यक्षता में सत्यसांई विश्वविद्यालय सीहोर में विधिक जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रधान जिला न्यायाधीश श्री चंद ने कहा कि यह विश्वविद्यालय साधना का स्थान है। सभी विद्यार्थियों का यह कर्तव्य है कि वे यहां ज्ञान की प्राप्ति करें और अपने भविष्य का निर्माण करें। वर्तमान युग में हर व्यक्ति को विधि और कानून के बारे में जानकारी रखने के लिजए सजग और जागरूक होना बहुत जरूरी है। जिससे देश में बढ़ रहे अपराधों की रोकथाम की जा सके। यदि हर व्यक्ति अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहेगा तो एक अपराध मुक्त समाज की स्थापना हो सकेगी। शिविर में प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय सुश्री सुमन श्रीवास्तव ने पॉक्सो अधिनियम एवं मध्यस्थता योजना पर विस्तार से जानकारी दी।
जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मुकेश कुमार दांगी ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 39-क के निर्देशों के पालन में समाज के कमजोर वर्गों को यह सुनिश्चित करने के लिए कि आर्थिक या अन्य निर्योग्यता के कारण कोई नागरिक न्याय प्राप्त कर पाने के अवसर से वंचित न रह जाए, नि:शुल्क और सक्षम विधिक सेवा उपलब्ध कराने के लिए तहसील से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक विधिक सेवा प्राधिकरणों का गठन किया गया है। समाज के गरीब, असहाय, पीडित एवं विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम के अंतर्गत पात्र व्यक्तियों को उनके विरूद्ध चल रहे प्रकरण या उनके द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत किये जाने वाले प्रकरणों में नि:शुल्क एवं सक्षम विधिक सहायता दी जाती है। इस योजना अंतर्गत विधिक सेवा के पात्र व्यक्तियों को कोर्ट फीस, तलवाना, टाईपिंग, फोटोकॉपी खर्च, गवाह का खर्च एवं वकील फीस का भुगतान कर सहायता की जाती है। श्री दांगी द्वारा जन उपयोगी लोक अदालत मध्यप्रदेश अपराध पीडित प्रतिकर योजना 2015 एवं लोक अदालत सम्बंधित जानकारी विस्तृत रूप से दी गई।