
सीहोर। कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने वाले वरिष्ठ नेता गोपाल इंजीनियर की भाजपा में आते ही लॉटरी भी लग गई। गोपाल इंजीनियर की पत्नी कृष्णा गोपाल इंजीनियर को जिला पंचायत सीहोर का अध्यक्ष बनाया गया है। उन्होंने मंगलवार को जिला पंचायत कार्यालय सीहोर में पद्भार भी ग्रहण कर लिया। हालांकि जल्द ही पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव को लेकर आचार संहिता लग सकती है, इसलिए आचार संहिता लगते ही वे पद से भी हट जाएंगी।
आष्टा के वरिष्ठ नेता गोपाल इंजीनियर कांग्रेस पार्टी से तीन बार विधानसभा चुनाव का टिकट ले चुके हैं और चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन वे पार्टी को जीत नहीं दिला सके। इस बार उन्होंने नया दांव खेला है और कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा में आते ही उनकी पत्नी को जिला पंचायत सीहोर का अध्यक्ष बनाया गया है। दरअसल वर्तमान में जिला पंचायत अध्यक्ष का पद एससी महिला के लिए आरक्षित है। इस समय सीहोर जिले में जिला पंचायत के 16 सदस्यों में कृष्णा गोपाल इंजीनियर ही एकमात्र सदस्य इस पद के
आचार संहिता लगते ही छोड़ना पड़ेगा पद-
जिला पंचायत सदस्यों को लेकर 25 मई को एवं जिला पंचायत अध्यक्ष पद को लेकर 31 मई को आरक्षण की प्रक्रिया की जानी है। आरक्षण की प्रक्रिया के बाद कभी भी पंचायत चुनाव की घोषणा हो जाएगी। आचार संहिता लागू होते ही जिला पंचायत अध्यक्ष का पद फिर से रिक्त हो जाएगा। चुनाव के बाद ही नया जिला पंचायत अध्यक्ष चुनकर आएगा। यानी कि ज्यादा से ज्यादा कृष्णा गोपाल इंजीनियर 15 दिनों तक जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी का लाभ ले पाएंगी।
भाजपा नेताओं की उपस्थिति में किया पद्भार ग्रहण-
कृष्णा गोपाल इंजीनियर ने मंगलवार को भाजपा नेताओं की उपस्थिति में अपना पद्भार ग्रहण किया। इससे पहले वे आष्टा से गाड़ियों के काफिले के साथ सीहोर पहुंचीं। इस दौरान उनके साथ उनके पति गोपाल इंजीनियर भी मौजूद रहे। यहां पर जिला पंचायत कार्यालय में आयोजित पद्भार ग्रहण समारोह में विदिशा सांसद रमाकांत भार्गव, विधायक सुदेश राय, जिलाध्यक्ष रवि मालवीय सहित जिले के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।