
सीहोर-रेहटी। एक तरफ प्रदेशभर सहित सीहोेर जिले की नगर पालिका, नगर परिषदोें में स्वच्छता पखबाड़ा को लेकर तमाम तैयारियां की जा रही हैं तो दूसरी तरफ स्वच्छता के रखवाले यानी कि सफाई कामगारोें ने अपनी 15 सूत्रीय मांगों कोे लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है। इन सफाई कामगारोें के कारण ही स्वच्छता अभियान परिणाम दे पाया है। अलसुबह से लेकर देर रात तक नगर कोे स्वच्छ रखने में इन सफाई कामगारोें का अहम योगदान है। कई मौकों पर इन सफाई कामगारों कोे सम्मानित भी किया गया है, लेकिन अब येे सफाई कर्मचारी भी अपनी मांगों कोे लेकर लामबंद हो गए हैं और उन्होंने भी अपनी 15 सूत्रीय मांगोें को लेकर अनिश्चिकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। सीहोेर जिले की रेहटी नगर परिषद के सफाई कामगारोें नेे सुबह से ही काम बंद करके अनिश्चिकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। जिलेभर की अन्य नगर पालिका, नगर परिषदों में भी हड़ताल का असर दिखना शुरू हो गया है।
नहीं हुई साफ-सफाई-
हर दिन की तरह शुक्रवार को रेहटी सहित अन्य नगरों की सफाई नहीं हुई। कचरा जहां-तहां बिखरा नजर आया। बाजारों में भी दुकानों के सामने कचरा बिखरा रहा। नगर की कॉलोनियों, मोहल्लों में भी लोेग घरोें में कचरा गाड़ी का इंतजार करतेे रहे, लेकिन ये कचरा गाड़ी भी लोगों के घरों तक नहीं पहुंची।
ये हैं इनकी प्रमुख मांगे-
– सफाई कामगारोें एवं कार्यालय के नियमित कर्मचारियोें की 2005 से पुरानी पेेंशन योजना को पुनः बहाल किया जाए।
– मध्यप्रदेश की समस्त नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषदों में सफाई ठेका प्रथा समाप्त कर स्थाई भर्ती की जाए।
– मध्यप्रदेश के सभी निकायों में सफाई कामगारोें को जो आज दिनांक विनियमित सफाई मित्र संविधान में अंशकालीन रोस्टर व आउट सोर्स पर है उन सभी को तत्काल नियमितीकरण, स्थाईकरण का लाभ सफाई कर्मचारी वर्ग को दिया जाए।
– सफाई कर्मचारियोें द्वारा अपने सेवाकाल में कार्य करते हुए स्वेच्छा से सेवानिवृत्त देकर अपने परिवार के किसी सदस्य को सफाईदार पद या योग्यता अनुसार उसकी नियुक्ति की जाए।
– सफाई कामगार मित्रों के पद से रोेस्टर प्रणाली को सफाई कर्मचारी वर्ग के पद से शिथिल किया जाए।
– मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड द्वारा भर्ती की जा रही है। उसे समाप्त कर सफाई कर्मचारियों की सीधी भर्ती की जाए।
– सफाईदार वर्ग के कर्मचारी जो अन्य पदों पर कार्यरत हैं जैसे कि वाहन चालक, सुपरवाईजर, फायर हेल्पर इत्यादि उनके पद नाम के साथ समान पद समान वेतन का लाभ दिया जाए।
– मध्यप्रदेश शासन द्वारा आदर्श कार्मिक संरचना 2014 को समाप्त किया जाए।
– मध्यप्रदेश में कार्यरत सफाई कर्मचारियोें को अलग-अलग प्रकार का वेतन भुगतान कियाा जाता है जो पुर्णतः गलत है। सभी का आज दिनांक के हिसाब से महंगाई को देखते हुए नियमित कर्मचारियोें के बराबर वेतन भुगतान किया जाए, जिससे परिवार का पालन-पोेषण हो सके।
– सेवानिवृत्त होने पर परिवार के आश्रित एक सदस्य को योग्यता अनुसार नियुक्ति प्रदान की जाए।
– नगर परिषद में कार्यरत कर्मचारियों को मस्टर से हटाकर दैनिक वेतन भोेगी की श्रेणी में लाया जाए।
– 2007 से 2016 तक के सभी कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
– सभी कर्मचारियों का पीएफ, ईपीएफ काटा जाए।
– विनियमित, नियमित, सफाई कर्मचारी को 7वां वेतन दिया जाए।
– वाहन चालकों को मासिक भत्ता दिया जाए।
इधर सीहोर में निकाली स्वच्छता गीत की थाप पर स्वच्छता महा संकल्प रैली