
सीहोर। शहर के बड़ा बाजार में जारी सात दिवसीय भागवत कथा के समापन अवसर पर अंतिम दिन छावनी में शोभा यात्रा निकाली गई और सुदामा प्रसंग और परीक्षित मोक्ष की कथाएं सुनाई गईं। इन कथाओं को सुनकर सभी भक्त भाव-विभोर हो गए। कथा के विश्राम दिवस पर आचार्य पंडित देवेन्द्र राधेश्याम व्यास ने भक्तों को भागवत को अपने जीवन में उतारने की बात कही, जिससे सभी लोग धर्म की ओर अग्रसर हो। कथा के अंतिम दिन सुदामा चरित्र के माध्यम से भक्तों के सामने दोस्ती की मिसाल पेश की और समाज में समानता का संदेश दिया। साथ ही भक्तों को बताया कि श्रीमद् भागवत कथा का सात दिनों तक श्रवण करने से जीव का उद्धार हो जाता है तो वहीं इसे कराने वाले भी पुण्य के भागी होते हैं। रविवार को शहर के बड़ा बाजार से विश्राम दिवस पर सादगी से शोभा यात्रा निकाली गई। आचार्य पंडित श्री व्यास ने कहा कि श्रीकृष्ण की हर लीला एक सीख है। बाल्यकाल में गायें चराते चरवाहे के तौर पर प्रकृति प्रेम का संदेश दिया तो युवाकाल में बालसखा सुदामा से मित्रता निभाकर नई मिसाल कायम की। एक युग बाद इन सीखों की अहमियत और बढ़ गई है। हमें भगवान का अनुसरण करना चाहिए नकल नहीं, नकल करेंगे तो हम समाज में अपमानित होंगे।
निकाली कलश यात्रा, शिव महापुराण का शुभारंभ-