आजादी के पहले से यहां पर चल रहा है महारूद्र यज्ञ, ये महान संत भी पहुंचे

सीहोर। जिले की भैरूंदा तहसील मुख्यालय के नजदीकी गांव वासुदेव में 81वें महारूद्र यज्ञ का समापन हुआ। इस अवसर पर मां नर्मदा व हनुमानजी के अन्नय भक्त एवं जल एवं हवा के सहारे रहने वाले दादागुरू भी पहुंचे। उन्होंने यहां पर दर्शन, पूजा किया। वासुदेव स्थित श्रीरामानंद आश्रम हनुमान कुटी में यह यज्ञ आजादी के पहले से शुरू हुआ था, जो हर वर्ष तय समय पर होता है। इस वर्ष 81वां महारूद्र यज्ञ हुआ था।
सत्य का साथ कभी मत छोड़िए-
इस अवसर पर दादागुरू ने उपस्थित भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में सभी के साथ उतार-चढ़ाव आते हैं, लेकिन हर परिस्थिति में सत्य के साथ रहिए। सत्य का साथ नहीं छोड़ोगे तो भगवान भी तुम्हारा साथ नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि आज सबसे ज्यादा जरूरत है पर्यावरण, पानी को बचाने की, लेकिन इसके साथ ही सब लोग खिलवाड़ कर रहे हैं। सभी लोग अपने घरों में एक पौधा लगाएं और उसको सुरक्षित रखने का संकल्प लें। इस दौरान उन्होंने सभी से हाथ उठाकर संकल्प भी दिलाया कि सभी लोग अपने घरों में पौधे लगाकर और पॉलीथिन का उपयोग बंद करके पर्यावरण को बचाएं। उन्होंने कहा कि अपने घरों में आने वाले अतिथियों का सम्मान करें। उन्हें आदर के साथ बैठाएं, जलपान कराएं और फिर उनकी विदाई करें। कर्म करते रहे, क्योंकि ईश्वर न जाने कब आपकी किस्मत पलट दें। किस्मत बदलने में एक मिनट का समय भी नहीं लगता है, इसलिए पूरी ईमानदारी, निष्ठा के साथ अपने कर्मक्षेत्र में लगे रहें।
पौधा लगाया, गौ-माता की पूजा की-

दादागुरू ने वासदेव गांव में स्थित श्रीरामानंद आश्रम हनुमान कुटी में पौधरोपण भी किया। इसके साथ ही उन्होंने गौ-माता की पूजा की एवं उन्हें हरा घास खिलाया। उन्होंने कहा कि गौ माता की पूजा सभी को करना चाहिए। इसके बड़ी कोई सेवा नहीं होती है। इस दौरान दादागुरू ने आश्रम में स्थित श्रीरामानंदजी महाराज की अखंड धुनी सहित मंदिर के दर्शन भी किए।
विशाल भंडारे के साथ हुई पूर्णाहूति-
श्रीरामानंद आश्रम हनुमान कुटी में 81वें महारूद्र यज्ञ के समापन अवसर पर विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में आसपास के क्षेत्र से भी श्रद्धालु-भक्तों ने पहुंचकर प्रसादी ग्रहण की एवं दादागुरू से भी आशीर्वाद प्राप्त किया।
आजादी के पहले से हो रहा है यज्ञ का आयोजन-
वासुदेव स्थित श्रीरामानंद आश्रम हनुमान कुटी में लगातार 81 वर्षों से यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। आजादी के कई वर्ष पहले इस आश्रम की स्थापना श्रीरामानंदजी महाराज द्वारा की गई थी। बताते हैं कि उस समय यहां पर जंगल था और कई बार शेर, टाईगर, चीता जैसे जंगली जानवर भी यहां आ जाते थे। श्रीरामानंद जी महाराज यहां पर वर्षों तपस्या करते रहे। इसके बाद उन्होंने यहां पर यज्ञ का आयोजन किया। इसके बाद आश्रम से लगातार लोग जुड़ते रहे और तब से लेकर अब तक यहां पर हर वर्ष नियमित रूप से यज्ञ का आयोजन किया जाता है। यह यज्ञ प्रतिवर्ष वैसाख माह की बारस से लेकर पंचमी तक किया जाता है। इससे पहले श्रीरामनवमीं से यहां पर महायज्ञ की तैयारियां शुरू हो जाती हैं।