Sehore News : खनिज विभाग परेशान करता है, इसलिए आ गया है भरण-पोषण पर संकट

ग्राम पंचायत मट्ठागांव, जाजना एवं डिमावर के ग्रामीणों ने दिया मुख्यमंत्री को आवेदन, लगाई गुहार

सीहोर। रेत की खदानों पर मजदूरी करके अपने परिवारों का भरण-पोषण करने वाले ग्राम पंचायत मट्ठागांव, जाजना एवं डिमावर के मजदूर परिवारों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से गुहार लगाई है कि खनिज विभाग नर्मदापुरम (होशंगाबाद) के माइनिंग अधिकारी उनको परेशान करते हैं, इसके कारण उनके परिवारों पर आर्थिक संकट है। इधर खनिज विभाग सीहोर द्वारा रेत खदानों पर मार्किंग कर दी गई है, ताकि सीहोर जिले की खदानों पर मजदूरी करने वाले मजदूर होशंगाबाद जिले की सीमा में प्रवेश न कर सकें।
सीहोर जिले की ग्राम पंचायत मट्ठागांव, जाजना, डिमावर सहित नर्मदा किनारे बस गांवों के लोग यहां की रेत खदानों पर मजदूरी करके अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। इन गांवों के करीब 500 मजदूर रेत की गाड़ियां भरकर जीवनयापन करते हैं। ये मजदूर नर्मदा नदी में से रेत निकालकर गाड़ियों में भरते हैं, लेकिन नर्मदापुरम् खनिज विभाग द्वारा इन मजदूरों को लगातार रेत निकालने से मना किया जा रहा है। इसके कारण उनका काम बंद है। खनिज विभाग के अधिकारी लगातार इन मजदूरों को परेशान कर रहे हैं और आए दिन रेत खदानों पर आकर उनको नर्मदा से रेत निकालने के लिए मना कर रहे हैं। इसके कारण इन मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है और अब उनके सामने रोजी-रोटी का संकट है। इन मजदूरों ने परेशान होकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को शिकायती पत्र सौंपकर उचित कार्रवाई करने की मांग की है। यहां बता दें कि मुख्यमंत्री पिछले दिन विकास कार्यों का भूमिपूजन करने के लिए सलकनपुर पहुंचे थे, तभी ये मजदूर भी उनको शिकायत करने के लिए सलकनपुर पहुंचे थे।
खनिज विभाग सीहोर ने की मार्किंग-
खनिज विभाग सीहोर के जिला अधिकारी राजेंद्र परमार ने बताया कि कई बार अनजाने में मजदूर एक-दूसरे जिले की सीमा रेखा पार करके रेत निकालने चले जाते हैं। इसके लिए अब सीहोर जिले की रेत खदानों पर मार्किंग कर दी गई है, ताकि मजदूर दूसरे जिले की रेत खदानों में प्रवेश नहीं कर सकें।