अब तो बरसो मेघ: खेत पड गए पीले, ये सरसों नहीं सोयाबीन है

बारिश की लंबी खेंच ने किसानों को रुलाया, अब सूखे जैसे हालात

भोपाल। भारत में खेती मानसून पर ही आधारित है। यहां किसान मानसून के शुरू होने के बाद ही धान, सोयाबीन, गन्ना, मक्का, मूंगफली आदि फसलों की बुवाई करते हैं। लेकिन अगस्त माह में बारिश नहीं होने से मिट्‌टी में नमी नहीं बची जिससे फसलों की बढ़वार प्रभावित हो रही है। खेत सरसों की तरह पीले नजर आने लगे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय फसलों को पानी की आवश्यकता है जिसके लिए बारिश होना जरूरी है। यदि बारिश नहीं होती है तो फसलों का उत्पादन घट सकता है। ऐसे में लोगों को खाद्यान्न में महंगाई का सामना करना पड़ सकता है।

बारिश के अनुमान पर एक नजर