सीहोर कलेक्टर के कराटे : तीन माह तक बहाया पसीना, मेहनत कर जीता येलो बेल्ट

अपनी 6 साल की बेटी अक्षरा के साथ दिया एक्जाम, कई अन्य प्रतिभागियों ने भी पास की परीक्षा

सीहोर। जहां चाह, वहां राह… यह कहावत कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर पर सटिक बैठती है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि उन्होंने अपनी तमाम व्यवस्ताओं के बीच में लगातार तीन माह तक पसीना बहाया एवं कराटे के एक्जाम देकर येलो बेल्ट भी हासिल किया। इसमें उनका साथ उनकी 6 साल की बेटी अक्षरा ने भी बखूबी निभाया। उनकी बेटी ने भी उनके साथ में परीक्षा दी एवं उसने भी येलो बेल्ट की कैटेगिरी को पास किया। अब कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर एवं उनकी बेटी अगली कैटेगिरी के लिए तैयारियों में जुटेंगे। तीन माह बाद फिर वे इसका एग्जाम देंगे।
कलेक्टर पर जिलेभर की तमाम जिम्मेदारियों के साथ में राजनीतिक, सामाजिक सहित अन्य प्रकार की भी कई अन्य महत्ती जिम्मेदारियां होती हैं। इन सबके साथ में तालमेल बैठाकर उन्हें चलना पड़ता है। इसके लिए कई बार समय की बेहद कमी भी होती है, लेकिन सीहोर जिले के कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर अपनी तमाम जिम्मेदारियों को निभाते हुए अपनी फिटनेस को लेकर भी बेहद सतर्क रहते हैं। यही कारण है कि वे जहां रोजाना सुबह योगाभ्यास के साथ दिन की शुरूआत करते हैं तो वहीं दिनभर की भागमभाग के बाद शाम को बेटी के साथ कराटे क्लास में भी पसीना बहाते हैं। उन्होंने अपनी 6 वर्षीय बेटी अक्षरा के साथ में कराटे क्लास ज्वाइन की एवं लगातार तीन माह पसीना बहाने के बाद उन्होंने इसकी एग्जाम देकर येलो बेल्ट कैटेगिरी को पार किया है। अब उनकी तैयारियां अगली कैटेगिरी के लिए शुरू होंगी। हालांकि कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर अपनी कार्यशैली के लिए लगातार चर्चाओं में रहते हैं। इससे पहले वे रविवार को अवकाश के दिन यूपीएससी की तैयारी कर रहे बच्चों के बीच में पहुंचकर उन्हें मार्गदर्शन भी देते रहे हैं।
कई अन्य प्रतिभागियों ने भी हासिल किए बेल्ट-
सीहोर की बजरंग कालोनी स्थित मॉस्टर आफ ताओ कराटे एसोसिएशन के तत्वावधान में कोच लखन ठाकुर के नेतृत्व में करीब पांच दर्जन से अधिक प्रतिभागियों ने अलग-अलग कैटेगिरी के बेल्ट हासिल किए हैं। इस मौके पर यहां पर मौजूद खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करते हुए कलेक्टर श्री ठाकुर ने कहा कि आत्मरक्षा के लिए कराटे एक अच्छा विकल्प है, इसे सीखना चाहिए। इसके अलावा भी शारीरिक मानसिक विकास के लिए खेल बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि शारीरिक शिक्षा भी बहुत आवश्यक है यह सभी बच्चों को दी जानी चाहिए। कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर ने स्वयं मास्टर आॅफ ताओ एसोसिएशन द्वारा आयोजित येलो एवं ग्रीन बेल्ट प्रतिस्पर्धा में भाग लिया और प्रतियोगिता की परीक्षा देकर येलो बेल्ट जीता।
100 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया-
एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि कराटे बेल्ट प्रतियोगिता में करीब तीन माह के अभ्यास में करीब 100 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया था, वहीं इस मौके पर पांच दर्जन से अधिक खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए येलो, ओरेंज, ब्राउन, ग्रीन, ब्ल्यू, पर्पल और ब्राउन बेल्ट हासिल किया है। इन प्रतिभागियों में कलेक्टर के अलावा डीपीसी और पटवारी सहित अन्य शामिल थे जो शासकीय सेवा में रहने के बाद भी फिट रखने के लिए समय निकालते हैं। येलो बेल्ट हासिल करने वालों में कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर, छह वर्षीय बालिका अक्षरा ठाकुर, डीपीसी अनिल श्रीवास्तव, पटवारी मुकेश इटावदिया, निर्भय लोधी, शिवम गोस्वामी, निवदिता बडोदिया, नीरज परमार, प्रद्धुम रघुवंशी सहित अन्य मौजूद थे। इसके अलावा ओरेंज बेल्ट हासिल करने वालों में रीचा श्रीवास्तव, अभिनव कुमार, नैंसी मालवीय, तामिल, योगेन्द्र मालवीय, कनिष्का मालवीय और अभेन्द्र परमार आदि शामिल है। वहीं ग्रीन बेल्ट हासिल करने वालों में प्रमुख रूप से सात वर्षीय ऊजेर खान, आकाश राठौर, अरबाज खान, तनु सूर्यवंशी, कषिका साहु शामिल है। इसके अलावा ब्ल्यू बेल्ट हासिल करने वालों में दक्षय ठाकुर, मयंक सरवर, जीतमल मेवाड़ा, अयुब खान, दिव्यांश मेवाड़ा, राखी परमार, दृष्यम यादव और देवेश ठाकुर है। पर्पल ब्ल्यू बेल्ट हासिल करने वालों में सिमरन मालवीय, मौसम यादव, प्रवीण सरवर, आशा चावरिया, तानिशा राय ने बेल्ट हासिल किया। इसके अलावा दस प्रतिभागियों ने जिन्होंने सालों के बाद ब्राउन बेल्ट हासिल किया है। जिसमें आकांक्षा शाक्य, सध्या परमार, पायल बागवान, राशि अग्रवाल, कोविद सक्सेना, प्रियांश आर्य, आयुष मालवीय, लक्ष्मी परमार और आयुष नागर आदि शामिल है।

 

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