सीहोर : जनसुनवाई में पहुंचे किसान, बोले ज्यादा बारिश के कारण फसलें सब खराब हो गई, अब मुआवजा मिले

मंगलवार को हुई जनसुनवाई में आर्इं ढेर सारी शिकायतें, अधिकारियों ने दिया कार्रवाई का आश्वासन

सीहोर। मंगलवार को कलेक्ट्रेट में हुई जनसुनवाई के दौरान बड़ी संख्या में लोग पहुंचे एवं अपनी-अपनी शिकायतें अधिकारियों को देकर कार्रवाई की मांग की। इस दौरान सबसे ज्यादा शिकायतें किसानों की आई। किसानों ने शिकायती आवेदन देकर अतिवृष्टि के कारण फसलें खराब होने की बात कही है। साथ ही अधिकारियों से अपील एवं आग्रह किया है कि उनकी फसलों का सर्वे कराकर उन्हें इसका मुआवज शीघ्र अति शीघ्र मिले, ताकि वे अपनी आगे की व्यवस्थाएं बेहतर कर पाएं।
मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के नाम का ज्ञापन तहसीलदार अमित सिंह को किसान स्वराज संगठन जिलाध्यक्ष विनय सिंह दांगी के नेतृत्व में दिया गया। किसान स्वराज संगठन ने अतिवृष्टी से खेत में गल गई सोयाबीन की फसल का सर्वे कराने और पीड़ित किसानों को पर्याप्त मुआवजा देने सहित लहसून, प्याज उत्पादक किसानों को मंडी में लहसून, प्याज का भावांतर या फिर समर्थन मूल्य देने की मांग की है। किसान स्वराज संगठन जिलाध्यक्ष विनय सिंह दांगी ने कहा कि लहसुन, प्याज के उचित मूल्य नहीं मिलने के कारण किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है। वर्तमान में अतिवृष्टि के कारण सोयाबीन की फसल भी खराब हो रही है, जिसके कारण किसानों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। रवि की फसल की तैयारी में भी किसान को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। किसानों की समस्या को देखते हुए लहसून, प्याज का उचित मूल्य दिलाए जाने और सोयाबीन फसल का तत्काल सर्वे कराकर किसानों को फसल बीमा क्लेम दिलवाए जाने की मांग सरकार से की गई है। यदि सही समय पर समस्या का निराकरण नहीं हुआ तो किसान आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। ज्ञापन देने वालों में सुनील दांगी, शकील खान, नारायण सिंह वर्मा, भैरू सिंह, प्रहलाद, राधेश्याम, मनोहर सिंह दांगी आदि बड़ी संख्या में किसान शामिल रहे।
नर्सरी के तार काटकर कर लिया वन भूमि पर कब्जा-
इधर जनसुनवाई में एक शिकायत ये भी है। शिकायत में नर्सरी के फैसिंग तार काटकर पांच एकड़ वन भूमि के पेड़ अतिक्रमणकारियों द्वारा काट दिए गए। रत्नाखेड़ी वन सुरक्षा समिति वन भूमि को अतिक्रमणकर्ताओं से बचाने के लिए प्रयासरत है। ग्राम में वन विभाग द्वारा तीन नर्सरी बनाई गई थी। इन नर्सरियों को विकसित करने के लिए आदिवासी ग्रामवासियों ने अपनी पूरी ताकत लगा दी। संरक्षित वन नर्सरी पर कब्जा किए जाने की शिकायत वन मण्डल अधिकारी को भी की गई है, लेकिन अब तक अतिक्रमणकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। मंगलवार को ग्राम रत्नाखेड़ी के ग्रामवासियों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर कलेक्टर के नाम ज्ञापन दिया है। ग्रामवासियों ने बताया कि 1959 के रिकार्ड में 702 एकड़ जमीन रत्नाखेड़ी गांव में दर्ज थी। आधी से ज्यादा जमीन पर अब अतिक्रमण हो चुका है। पाटनी और सालीखेड़ा के लोगों ने रत्नाखेड़ी गांव में आने वाली वन भूमि पर कब्जा किया जा रहा है। रत्नाखेड़ी पोस्ट बिलकिसगंज जिला सीहोर में कुछ साल पहले फॉरेस्ट विभाग द्वारा तीन नर्सरी बनाई गई थी। वन सुरक्षा समिति का भी गठन किया गया था। समिति के सदस्यों ने जंगल बचाने का बहुत प्रयास किया, लेकिन जादातर आदिवासी गरीब लोग हैं, इसलिए पाटनी एवं सालीखेड़ा के लोगों ने रत्नाखेड़ी की वन भूमि पर अवैधानिक कब्जा कर लिया है। हर साल 5-10 एकड़ जमीन तोड़ी जा रही है। जमीन तोड़ने वाले दबंग लोग हैं। वन विभाग के नाकेदार भी उन्हीं का सहयोग करते हैं। रत्नाखेड़ी की वन भूमि को पाटनी एवं सालीखेड़ा के क्षेत्र में दिखाया जा रहा है। ज्ञापन देने वालों में विनोद, राम प्रताप, रूप सिंह, कैलाश रामलाल, भगत सिंह, रामभरोस, रामदास, उमराव सिंह, आदि ग्रामवासी शामिल रहे।

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