Sehore News : मरीह माता मंदिर पर किया जाएगा भव्य भंडारे का आयोजन

सीहोर। हर साल की तरह इस साल दुर्गा अष्टमी के पावन अवसर पर शहर के विश्राम घाट स्थित दुर्गा अष्टमी के पावन अवसर पर कन्या भोज के साथ पूजन के साथ उनकों शिक्षा सामग्री के वितरण का कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस मौके पर मंदिर परिसर में पंडितों के द्वारा मंत्र उच्चारण के साथ पूर्ण विधि-विधान से दुर्गा अष्टमी पर महागौरी को पंचामृत से स्नान करा पूजा अर्चना की इसके अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला मंडल की ओर से अध्यक्ष श्रीमती राजकुमारी पालीवाल, श्रीमती संध्या विजयवर्गीय सहित अन्य ने पश्चात सुबह भव्य हवन यज्ञ के बाद यहां पर मौजूद कन्याओं का जल से पैर धोकर उनके माथे पर तिलक किया। वहीं शाम को राधेश्याम विहार की ओर से जितेन्द्र तिवारी आदि ने भी कन्याओं का पूजन किया।
सोमवार को महाष्टमी का पर्व होने के कारण मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओ ने पूजा अर्चना की। वहीं मंगलवार को सुबह दस बजे आरती के पश्चात भव्य भंडारे का आयोजन किया जाएगा। आज सुबह हवन के दौरान मंदिर के व्यवस्थापक रोहित मेवाड़ा, मनोज दीक्षित मामा, पंडित उमेश दुबे आदि श्रद्धालुओं के द्वारा 108 से अधिक आहुतियां दी गई। दुर्गा अष्टमी के पावन अवसर पर महागौरी की पूजा अर्चना की। इस मौके पर पंडित श्री दुबे ने बताया कि नवरात्र पर्व के आठवें दिन महागौरी की पूजा होती है। महागौरी गौर वर्ण की है और इनके आभूषण और वस्त्र स्वेत रंग के हैं। इनकी उम्र आठ साल की मानी गई है। इनकी चार भुजाएं है और वृषभ पर सवार होने के कारण इन्हें वृषारूढा भी कहा जाता है। सफेद वस्त्र धारण करने के कारण इन्हें स्वेतांबरा भी कहा गया है। मां महागौरी देवी पार्वती का एक रूप हैं। पार्वती ने भगवान शिव की कठोर तपस्या करने के बाद उन्हें पति के रूप में पाया था। कथा है कि एक बार देवी पार्वती भगवान शिव से रूष्ट हो गईं। इसके बाद वह तपस्या पर बैठ गईं। जब भगवान शिव उन्हें खोजते हुए पहुंचे तो वह चकित रह गए। पार्वती का रंग, वस्त्र और आभूषण देखकर उमा को गौर वर्ण का वरदान देते हैं। महागौरी करुणामयी, स्नेहमयी, शांत तथा मृदुल स्वभाव की हैं। मां गौरी की आराधना सर्व मंगल मंग्लये, शिवे सर्वार्थ साधिके, शरण्ये त्रयंबके गौरि नारायणि नमोस्तुते..। इसी मंत्र से की जाती है। कहा जाता है कि एक बार भूखा शेर उन्हें निवाला बनाने के लिए व्याकुल हो गया पर उनके तेज के कारण वह असहाय हो गया। इसके बाद देवी पार्वती ने उसे अपनी सवारी बना लिया था। मां के आठवें स्वरूप महागौरी की आराधना करने से धन, सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। वहीं नवरात्रि के नौवें दिन सुबह हवन के बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा।

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