
सीहोर। मानव जीवन सबसे बड़ा जीवन है। यह बार-बार नहीं मिलता है। सत्कर्मों एवं अच्छे कार्यों के माध्यम से मानव इस जीवन से मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है। अन्यथा मरणोपरांत मनुष्य को अनेक योनियों में बार-बार भटकना पड़ सकता है। इसलिए आदि शकराचार्य ने कहा था कि जीवन बार-बार जन्म लेने के लिए नहीं है। मानव की देह हमें भगवान के नाम के जाप, भजन, भगवान का स्मरण और ध्यान करने के लिए प्राप्त हुई है। उक्त विचार जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में जारी सात दिवसीय श्री नारद शिव महापुराण के अंतिम दिन कहे। शनिवार को बारिश के बाद भी यहां पर बड़ी संख्या में आए श्रद्धालुओं ने रिमझिम फुहारों के मध्य पूरी भक्ति के साथ कथा का श्रवण किया। इस मौके पर कथा श्रवण करने पहुंचे जनसैलाब को संबोधित करते हुए भागवत भूषण पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि उक्त कथा आन लाइन रखी थी, लेकिन आपकी भक्ति के जोश ने उसको भी आफ लाइन कर दिया। भगवान भोलेनाथ आपकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करे। उन्होंने कहा कि कुबेरेश्वर महादेव धाम के कण-कण में शंकर का वास है।