सीहोर। धीरे धीरे संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जोर पकड़ती जा रही है। स्वास्थ्य सुविधाओं पर प्रतिकूल असर भी दिखाई देने लगा है। शनिवार को जिला मुख्यालय पर संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने विरोध स्वरूप सरकार से मिले आश्वासन के साथ कोविड सम्मान प्रमाण पत्रों की होली जलाई। हड़तालरत कर्मचारियों का कहना कि आज तक हर बार मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने सिर्फ आश्वासन दिए है। उनके हर आश्वासन पर हड़ताल समाप्त कर दी गई थी, लेकिन आज दिनांक तक वह आश्वासन सिर्फ आश्वासन ही है, लेकिन इस बार भी हम भरोसा नहीं करेगें। आगामी दो जनवरी को शहर के धरना स्थल से भोपाल नाके तक न्याया यात्रा निकाली जाएगी यात्रा के दौरान सभी ब्लाकों के एक साथ सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते हुए यात्रा करेंगे।
उनका कहना कि हमारी हड़ताल के कारण जिले स्वास्थ्य सुविधा ठप्प पड़ी हुई है। कोरोना भी मध्यप्रदेश में दस्तक दे चुका है। सरकार द्वारा माकड्रिल कराई जा रही है जो 100 प्रतिशत फैल हो चुकी है क्योंकि प्रदेश के 32000 संविदा साथी हड़ताल पर है। सरकार हमसे बातचीत नहीं कर रही है। हठ धर्मिता पर उतर आई है लेकिन हम भी इस बार नियमितिकरण का आदेश लेकर लौटेंगे चाहे सरकार जो चाहे दमनकारी नीति अपना ले। हमारे मुख्यमंत्री ने कहा कि 2018 में कहा था कि संविदा एक शोषण की व्यवस्था है। इसे हम खत्म करके रहेंगे लेकिन 5 साल होने को आए उनके द्वारा संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की कोई भी मांग नहीं मानी। न कोई नीति लागू की है। इतने कम मानदेय में हमारे परिवार को भरण पोषण नहीं हो रहा है, और हमारे नौकरी पर तलवार लटकी रहती है। शनिवार को इछावर ब्लाक के अलावा जिलाध्यक्ष अंबर मालवीय, शैलेश शैल, नीलेश गर्ग, मनीष दुबे, गंगा गर्ग, रोहित सिसोदिया, नरेंद्र मालवीय, डाक्टर रूही दुबे, सबा खान, नाहिद, जितेंद्र आर्य, महरुन्निषा खान, संजेश परमार, गरिमा रावत, रश्मि राठौर, कमला वर्मा, नितेश खत्री, अमित त्रिपाठी, विजयंता चौहान, काजल विश्वकर्मा, रुचि वर्मा, सुनीता पटेल, रजनी सागर, कैलाशी सुमन, महाराज सिंह, दुलारी, मीना डांगे, प्रियारानी, उमा वर्मा आदि बड़ी संख्या में संविदा कर्मचारी शामिल थे।