
सीहोर। हर साल की तरह इस साल भी शहर के छावनी स्थित भैरव मंदिर में भैरव अष्टमी पर आयोजन हुए। बुधवार को दोपहर में पूर्ण विधि-विधान से भैरव बाबा का चोला चढ़ाकर अभिषेक किया। पूजन कर छप्पन भोग लगाए। इस मौके पर बड़ी संख्या में बाबा के विशेष श्रृंगार के दर्शन किए गए। सुबह विशेष रूप से हवन आदि का आयोजन किया गया था।
काल भैरव अष्टमी के पावन अवसर पर शहर के बड़ा बाजार-चरखा लाइन के मध्य में स्थित शहर कोतवाल बाबा काल भैरव के नाम से प्रसिद्ध मंदिर में मंत्रोच्चार के साथ महा आरती का आयोजन किया गया। इसके उपरांत छप्पन भोग के साथ सर्व प्रथम कन्याओं को भोज के बाद भंडारे का आयोजन किया गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की।
इस संबंध में जानकारी देते हुए आयोजन समिति के रामू सोनी और समाजसेवी संजय सोनी ने बताया कि छावनी सहित आस-पास के क्षेत्र में आस्था का केन्द्र इस मंदिर में प्रतिवर्ष काल भैरव अष्टमी पर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस साल इस दो दिवसीय कार्यक्रम में बाबा का विशेष अभिषेक, श्रृंगार और भंडारे का आयोजन के साथ ही ब्राह्मणजनों का सम्मान किया गया। आयोजन समिति के मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि पहले दिन भैरव नामावली और भैरवाष्टक का पाठ आदि का आयोजन किया गया। काल भैरव की पूजा करने से सभी प्रकार की नकारात्मकता और बुरी शक्तियां दूर होती हैं। भगवान भैरव के बटुक भैरव, महाकाल भैरव और स्वर्णाकर्षण भैरव प्रमुख रूप हैं। इनमें से भक्त बटुक भैरव की ही सर्वाधिक पूजा करते हैं। तंत्रशास्त्र में अष्ट भैरव का उल्लेख भी मिलता है-असितांग भैरव, रूद्र भैरव, चंद्र भैरव, क्रोध भैरव, उन्मत भैरव, कपाल भैरव, भीषण भैरव और संहार भैरव।