30 साल बाद ऐसा संयोग: एक राशि में होंगे सूर्य और शनि देव

सीहोर। हर माह कुछ ग्रह अपने समय पर ही गोचर करते हैं। सूर्य हर माह अपनी राशि परिवर्तन करते हैं। स्वर्ण पदक प्राप्त ज्योतिषाचार्य ज्योतिष पदम भूषण डॉ पंडित गणेश शर्मा ने बताया कि 13 फरवरी से सूर्य ने कुंभ राशि में प्रवेश किया है। जहां पहले से ही शनि देव विराजमान होंगे। ऐसे में सूर्य और शनि की युति कुछ राशि वालों के लिए लाभदायी रहने वाली है। शास्त्रों में सूर्य और शनि को पिता और पुत्र माना गया है और दोनों में शत्रुता है। ऐसे में साल 2023 की फरवरी माह में दोनों ग्रह एक ही राशि में विराजमान रहने वाले हैं, ऐसे में सूर्य और शनि की युति कई राशि के जातकों के लिए विशेष रूप से लाभदायी होगा। डॉ पंडित गणेश शर्मा ज्योतिषचार्य ने बताया कि सूर्य को सम्मान, यश, समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, वहीं, शनि को कर्मों के अनुसार फल देने वाले देवता के रूप में जाना जाता है। ऐसे में ये दोनों ग्रह कुंभ राशि में 30 साल बाद एक साथ बैठकर कुछ राशियों के जातकों को विशेष रूप से लाभ देने वाले हैं।
ज्योतिषाचार्य पं. गणेश शर्मा ने बताया कि शनि देव ने 17 जनवरी 2023 को कुंभ राशि में प्रवेश किया है और सूर्य 13 फरवरी को कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इसके साथ ही एक ही राशि में सूर्य और शनि की युति होगी। ऐसा पहले 1993 में हुआ था, ये युति 30 साल बाद फिर से होने जा रही है। इस दौरान वृषभ, मिथुन, कन्या, धनु, मकर और कुंभ राशि के जातकों को विशेष लाभ होगा। बता दें कि शनि देव और सूर्य देव कुंभ राशि में 14 मार्च तक रहने वाले हैं, ऐसे में ये समय कुछ राशि के जातकों की किस्मत का ताला खोलने वाला है। ज्योतिषाचार्य पं. गणेश शर्मा ने बताया कि शनि देव हर ढाई साल में अपनी राशि परिवर्तन करते हैं और 30 साल बाद कुंभ राशि में फिर से प्रवेश किया है। शनि का ये गोचर पिछले माह 17 जनवरी को परिवर्तन हुआ है। इस दौरान मिथुन, तुला राशि वालों को शनि ढैय्या से राहत मिल जाएग और शनि की साढ़े साती झेल रही मकर, धनु और कुंभ राशि के जातकों में से धनु राशि के जातकों को साढ़े साती से मुक्ति मिलेगी। ज्योतिषाचार्य पं.गणेश शर्मा ने बताया कि ज्योतिष गणना के अनुसार शनि देव के कुंभ राशि के गोचर करने के बाद कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों पर ढैय्या का प्रभाव रहेगा, इसके अलावा मकर राशि पर साढ़े साती अंतिम चरण में होगी। वहीं, कुंभ राशि में साढ़े साती का प्रभाव बीच वाले चरण में होगा और मीन राशि के जातकों पर साढ़े साती की शुरुआत होगी।