तीन हजार किलोमीटर पदयात्रा कर रहे स्वामी का कुबेरेश्वरधाम पर किया स्वागत

- हर दिन 20 किलोमीटर यात्रा करते है स्वामी केरल से काशी तक चलेगी पदयात्रा

सीहोर। जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निमार्णाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में विठलेश सेवा समिति के तत्वाधान में काशी मूल वैश्य कुलगुरु मठ के पुनर्निर्माण के लिए शांकर एमात्मता पदयात्रा कर रहे स्वामी का समिति के पदाधिकारियों ने भव्य स्वागत किया।
इस मौके पर समिति की ओर से पंडित विनय मिश्रा, समीर शुक्ला, मनोज दीक्षित मामा, रविन्द्र नायक, महेंद्र शर्मा, सौभाग्य मिश्रा, बंटी परिहार, प्रदीप राजपूत, भूपेन्द्र शर्मा, सर्वेश, सतीश सेन सहित अन्य ने स्वागत किया। इस मौके पर वैश्य कुल गुरु श्री शांताश्रम महाधिपति श्री-श्री वामनाश्रम स्वामी ने बताया कि करीब दो सौ दिनों चलने वाली यह पद यात्रा केरल से काशी तक जाएगी। विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांश दीक्षित ने बताया कि स्वामी जी की यह यात्रा कुबेरेश्वर महादेव मंदिर पहुंची थी। इस मौके पर समिति के पदाधिकारियों और सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान शंकर के जयकारें के साथ सभी का भव्य स्वागत किया। उन्होंने बताया कि शंकर एकात्मता पदयात्रा विगत वर्ष अक्टूबर को अधर्म पर धर्म जय का प्रतीक विजयादश्मी के शुभ अवसर पर आरंभ होकर आगामी अपै्रल में अक्षय तृतीया पर पूर्ण होगी। प्रतिदिन 20 से 25 किलोमीटर पदयात्रा जारी रहती है। केरल से काशी तक करीब तीन हजार किलोमीटर तक यह यात्रा निरंतर जारी रहेगी। इस मौके पर स्वामी ने भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा की मुक्तकंठ तारीफ करते हुए कहा कि पंडित श्री मिश्रा के द्वारा सनातन धर्म को आगे बढ़ाया जा रहा है। कुबेरेश्वरधाम जगत में प्रसिद्ध है और आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र है। पदयात्रा आगामी अपै्रल में पूर्ण होगी। इतिहास में जैसा उल्लेख बताया कि वैश्य गुरु परम्परा करीब सात सौ साल पहले जगत गुरु श्री आदि शंकराचार्य जी के शिष्यों के काल में महापुण्य क्षेत्र काशी में प्रारंभ हुई थी, अभी वैभव को वापस लाने के उद्देश्य से महापुण्य क्षेत्र काशी में मूल वैश्य गुरु मठ पुनर्निर्माण का महासंकल्प किया है। उन्होंने समिति के पदाधिकारियों और श्रद्धालुओं को आशीर्वाद प्रदान किया।