आस्था और उत्साह से मनाया गया जन्माष्टमी का पावन पर्व

सुबह भजन-कीर्तन और प्रवचन के बाद शाम को मटकी फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन

सीहोर। शहर के सैकड़ाखेड़ी स्थित संकल्प नशा मुक्ति केन्द्र के तत्वाधान में हर साल की तरह इस साल भी जन्माष्टमी का पावन पर्व पूरे उत्साह के साथ मनाया गया। इस मौके पर केन्द्र में सुबह के समय भजन-कीर्तन और प्रवचन के अलावा अन्य धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, वही शाम को बारिश की बौछारों के मध्य पूरे उत्सव के साथ मटकी फोड़ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मटकी फोड़ कार्यक्रम में युवाओं से लेकर बुजुर्ग में उत्साह देखा गया। यहां पर उपस्थित बड़ी संख्या में क्षेत्रवासियों ने मटकी फोड में जोर आजमाइश कर मटकी फोडने की कोशिश की।
केन्द्र के संचालक राहुल सिंह ने बताया कि शुक्रवार को आयोजित जन्माष्टमी पर्व के दौरान शाम को करीब 35 फीट ऊंचाई पर दही की मटकी बांधी थी और उसके बाद यहां पर मौजूद बड़ी संख्या में क्षेत्रवासियों ने इसको फोड़ा। इस दौरान केन्द्र के प्रभारी नटवर कुशवाहा, विकास अग्रवाल, अमित जैन, दीपाली जैन, ममता शर्मा, दिनेश वर्मा, धर्मेन्द्र यादव और अंकित सहित अन्य मौजूद थे। वहीं सुबह प्रवचन का आयोजन किया गया था। इस मौके पर पंडित उमेश दुबे ने यहां पर मौजूद क्षेत्रवासियों को जन्माष्टमी का महत्व बताते हुए कहा कि धरती पर जब भी पाप और अधर्म बढ़ते हैं, भगवान को खुद इन चीजों को कम करने के लिए धरती पर अवतार लेना पड़ता है। ऐसा ही अवतार भगवान विष्णु ने धरती पर लिया था। श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के ही अवतार थे। श्रीकृष्ण विष्णु भगवान के 8 वें अवतार थे। मथुरा की राजकुमारी देवकी और वासुदेव की आठवीं संतान के रुप में उन्होंंने धरती तल पर अवतार लिया था। श्रीकृष्ण ने जन्म से ही बहुत चमत्कार किए थे। उनके जन्म से जुड़े ऐसे कई किस्से हैं, जो मानव को सीख देते हैं। जन्माष्टमी श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रुप में मनाई जाती है। उन्होंने बताया कि भारत में हर त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। जन्माष्टमी भी उन त्योहारों में से एक है। हिंदू धर्म के अनुसार, कंस के अत्याचारों को सहते हुए उनकी बहन देवकी ने भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को उन्होंने अपनी आठवीं संतान के रुप में श्रीकृष्ण को जन्म दिया था। स्वंय भगवान विष्णु ने पृथ्वी को कंस के अत्याचारों से बचाने के लिए धरती पर अवतार लिया था। इन्हीं मान्यताओं के अनुसार, हर साल भाद्रपद की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है।

Exit mobile version