
सीहोर। भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत उज्जवल भारत उज्जवल भविष्य कार्यक्रम शाहगंज में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के माध्यम से ऊर्जा क्षेत्र में देश की उपलब्धियों को शॉर्ट फिल्म तथा लघु नाटिकाओं के माध्यम से दशार्या गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सांसद रमाकांत भार्गव ने किया। उज्जवल भारत उज्जवल भविष्य कार्यक्रम में सांसद श्री भार्गव ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार कर रहा है। देश एवं प्रदेश के विकास के लिए ऊर्जा अतिआवश्यक व मूलभूत आवश्यकता है। ऊर्जा के क्षेत्र में आज देश अग्रसर हो रहा है तथा हर घर में विद्युत पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज सरकार ने देश को आगे बढाने के साथ ही गरीबी के कल्याण एवं विद्युत, पेयजल, गैस संयोजन देने का कार्य किया है, जो सराहनीय है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार एवं केंद्र सरकार ऊर्जा के क्षेत्र में नये कीर्तिमान स्थापित कर रही है। उन्होंने कहा कि विद्युत महोत्सव का मुख्य उद्देश्य जनता को सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी देना है, ताकि जनता योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठा सकें। कार्यक्रम में सलकनपुर ट्रस्ट अध्यक्ष महेश उपाध्याय, जनपद अध्यक्ष महेन्द्र शर्मा सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
ऊर्जा विभाग की उपलब्धियां-
भारत सरकार के ऊर्जा विभाग द्वारा पूर देश में करीब एक लाख 69 हजार मेगावाट क्षमता स्थापित की गई है। पहली बार देश बिजली की कमी वाला देश होने के बजाय विजली की अधिकता वाला देश बना है। करीब एक लाख 60 हजार किमी लंबी संचरण लाइन का निर्माण कर पूरे देश को एक ग्रिड में जोड़ दिया गया है और आज हम पूरी दुनिया में सबसे अधिक संचरण लाइन क्षमता वाला देश बन गए हैं। इस अवधि में देश ने सब से अधिक संचरण क्षमता स्थापित करने का नया कीर्तिमान स्थापित किया। देश के हर गांव और हर घर को बिजली से जोड़ा गया है। करीब 2,02,000 करोड़ के खर्च से पूरी विद्युत वितरण व्यवस्था को सुदृढ़ बनाया गया है। आज देश में औसतन करीब 22.5 घंटे प्रतिदिन विद्युत आपूर्ति की जा रही है, जो कि 2014 तक सिर्फ़ 12 घंटे प्रतिदिन थी। गैर पारंपरिक ऊर्जा के क्षेत्र में हमारी क्षमता पिछले आठ वर्षों में दोगुनी हो गई है और आज हमारी कुल स्थापित क्षमता का करीब 40 प्रतिशत भाग गैर पारंपरिक ऊर्जा पर आधारित है। देश में गैर पारंपरिक ऊर्जा पर आधारित कूल क्षमता 76,000 मेगावाट से बढ़कर 1,60, 000 मेगावाट हो गई है, जो कि पूरे विश्व में चौथे स्थान पर है।