कार वाली नहीं, संस्कार वाली बहू लाएं: पंडित प्रदीप मिश्रा

- आस्था और उत्साह के साथ किया गया भगवान गणेश का विवाह, विठलेश सेवा समिति के तत्वाधान में हुई जरूरतमंदों की मदद

सीहोर। जिस गांव में पानी नहीं होता है, वहां की फसल खराब हो जाती है, वहीं यहां संस्कार नहीं होते हैं वहां की पीढ़ी बिगड़ जाती है। कार वाली बहू घर में आते ही अपनी सरकार चलाएगी, इसलिए अगर आप चाहते हैं कि आपकी बहू आपकी सेवा करे, तो आप संस्कार वाली बहू लाएं। ये विचार पंडित प्रदीप मिश्रा ने व्यक्त किए। वे चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में शिव महापुराण का श्रवण करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दहेज में भले कार न दें पर अपनी बहू को अच्छे संस्कार जरूर दें। जो बहू लाते हैं उनसे निवेदन है कि आप कार वाली बहू ना लाएं संस्कार वाली बहू लाएं। शनिवार को विठलेश सेवा समिति के तत्वाधान में दिव्यागों को ट्राइसाइकिल, महिलाओं को सिलाई मशीन के अलावा विद्यार्थियों को स्कूल फीस आदि की व्यवस्था की गई।
शिव महापुराण के छठवें दिवस भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि कर्म इस संसार में आने वाला हर जीव करता है, मगर भगवान शिव की आराधना और भक्ति केवल मानव तन से ही संभव है। उसके बाद भी कुछ लोग अपने कर्म और भक्ति के बाद स्वर्ग पाने की इच्छा मन में पालते हैं। उन्हें पता नहीं होता है कि जिसे वे स्वर्ग पाने का रास्ता समझते हैं, उस मानव तन को पाने के लिए देवता भी लालायित रहते हैं, क्योंकि मानव देह पाने के बाद ही भक्ति रस से मिलने वाले आनंद का अनुभव किया जा सकता है।
अश्वत्थामा ने की थी द्रौपदी के पुत्रों की हत्या-
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि जिसके हृदय में बदला लेने की भावना रह-रहकर धधक रही थी। वह गुरु द्रोणाचार्य का पुत्र अश्वत्थामा था। उसने युद्ध के नियम ताक पर रख दिए और हाथ में तलवार लिए पांडवों के शिविर में प्रवेश किया। उसने द्रौपदी के पुत्रों का वध कर दिया। मनुष्य के अंदर बुराई रहती है तो बदले की आग भड़कती है। शनिवार को भगवान गणेश के विवाह के वर्णन के साथ ही उन्होंने तारकासुर के वध का वर्णन भी किया। कार्तिकेय अतुलित बलशाली थे। उन्होंने छह मुखों से स्तनपान किया। देवता बार-बार शंकरजी से आराधना कर रहे थे कि तारकासुर के वध के लिए कार्तिकेय जी को कहिए। आखिरकार समय आया और कार्तिकेय ने तारकासुर का वध कर दिया।
आज होगा शिव महापुराण का समापन-
विठलेस सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि सात दिवसीय शिव महापुराण का रविवार को समापन किया जाएगा। कथा का श्रवण करने आने वालों के लिए आधा दर्जन से अधिक बड़े-बड़े पांडाल आदि की व्यवस्था की गई है। प्रशासन और सभी सामाजिक संगठनों के द्वारा पूरी व्यवस्था की गई है। इसके कारण फोरलेन आदि पर वाहनों की जाम की स्थिति निर्मित नहीं हो रही है। श्रद्धालुओं को कथा का श्रवण कराने के लिए पंडालों में से सीधा प्रसारण दिखाया जा रहा है। इसके अलावा शनिवार को पांच दिव्यांगों को ट्राइसाइकिल, पांच महिलाओं को सिलाई मशीन के अलावा आधा दर्जन विद्यार्थियों के स्कूल की फीस समिति द्वारा दी गई।

Exit mobile version