सीहोर। मनुष्य पर संगत का असर पड़ता है। कैकेयी अपने बेटे भरत से ज्यादा अपने सौतेले बेटे राम को प्यार करती थीं, लेकिन अपने मायके से आई दासी मंथरा के कान भरने की वजह से उन्होंने राम के लिए 14 वर्ष का वनवास मांग लिया। पहले वे ऐसी नहीं थीं। इसे संगत का असर ही कहेंगे, जिसने कैकयी के अंदर नकारात्मकता को हावी कर दिया। इसलिए कहा गया है कि जीवन में रंगत, संगत और मेहनत का असर पड़ता है। उक्त विचार शहर के चाणक्यपुरी स्थित विश्वनाथपुरी में श्रीसंकट मोचन हनुमान मंदिर के तत्वाधान में जारी नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा में 108 श्री उद्धव दास महाराज ने कहे।