
सीहोर। मनुष्य के कर्म उसके जीवन की दिशा निर्धारित करते हैं। अच्छे कर्मों का फल भी अच्छा होता है, वहीं बुरे कर्मों का परिणाम भी बुरा होता है। कर्म फल एक अति सूक्ष्म, गहन एवं दुर्गम विषय है। हमारे ॠषियों ने वेद और वेदों से संबंधित आर्ष ग्रन्थों के आधार पर कर्म फल के कुछ सिद्धांत स्थापित करने के प्रयास किए हैं। जिज्ञासु जनों की शंकाओं का समाधान पूर्णतया नहीं हो सकता। जीव अल्पज्ञ है और पूर्ण ज्ञानी भी नहीं है। केवल ईश्वर ही सर्वज्ञ है और पूर्ण ज्ञानी है। वही जानता है कि जीवों को उनके कर्मों का फल कब, कैसे, कहां और किस रूप में देना है। उक्त विचार शहर के चाणक्यपुरी स्थित पशुपतिनाथ मंदिर पर जारी नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा में 108 श्री उद्धव दास महाराज ने कहे।
आज किया जाएगा महाप्रसादी का वितरण
समिति के मीडिया प्रभारी आनंद अग्रवाल ने बताया कि शहर के चाणक्यपुरी पर श्रीसंकट मोचन हनुमान मंदिर समिति के तत्वाधान में जारी नौ दिवसीय श्रीराम कथा के पश्चात शनिवार की शाम को महा आरती और महाप्रसादी का वितरण किया जाएगा। समिति के अध्यक्ष आनर सिंह चौहान, कार्यक्रम समिति के अध्यक्ष अमित नीखरा आदि ने क्षेत्रवासियों से शामिल होने की अपील की है।