उत्साह के साथ निकाली गई भगवान शिव और माता पार्वती की बारात

कलियुग में श्रीराम कथा का श्रवण सबसे बड़ा धर्म- राघवेन्द्राचार्य महाराज

सीहोर। कलियुग में श्रीराम कथा का श्रवण सबसे बड़ा धर्म है। पृथ्वी पर जब धर्म की हानि होती है, तब भगवान प्रकट होते हैं। भगवान राम, कृष्ण की तरह अवतरित होकर धर्म की रक्षा करते हुए पापियों का नाश करते हैं। भगवान शिव और राम एक है। इनकी आराधना करने से हमारी मनोकामना पूर्ण होती है। उक्त विचार शहर के चाणक्यपुरी स्थित श्री गोंदन सरकार धाम हनुमान मंदिर में अनंत श्री विभूषित पंडित श्री महावीर शरण चतुर्वेदी दद्दा जी की पुण्य स्मृति के उपलक्ष्य में जारी श्रीराम कथा में रविवार को कथा व्यास पंडित श्री राघवेन्द्राचार्य महाराज ने कहे।
पंडित श्री राघवेन्द्राचार्य महाराज ने शिव विवाह का वर्णन करते हुए श्रद्धालुओं को बताया कि भगवान शिव की बारात अद्भुत रही। भगवान शिव की बारात जब हिमाचल पहुंची तो माता पार्वती के माता पिता और वहां मौजूद प्रजा बारात में सम्मिलत भूूत, प्रेम, औघड़ को देखकर चकित रह गए। भगवान शिव की बारात में भगवान विष्णु और ब्रम्हा देव सहित देवता भी सम्मिलत रहे। उन्होंने कहा कि जीवन में राम नाम कि महिमा अनंत हैं। राम नाम लेकर अनेक भक्त तर गये है। शिव भोले भंडारी हैं सृष्टि का पालन एवं संहार करने कि शक्ति शिव के पास है। श्रीराम कथा के दूसरे दिन झांकियों के माध्यम से शिव विवाह कि प्रस्तुति दी पार्वती कि विदाई प्रसंग सुनकर श्रोता भाव विभोर हो गये। इस संबंध में जानकारी देते हुए पंडित जितेन्द्र चतुर्वेदी ने बताया कि श्रीराम कथा के तीसरे दिन सोमवार को राम जन्म का उत्सव मनाया जायेगा। श्री गोंदन सरकार धाम हनुमान मंदिर के सभी श्रद्धालुओं ने कथा का श्रवण करने की अपील की है।