वैशाख महाशिवरात्रि पर उमड़ा शिव मंदिरों में आस्था का सैलाब

प्राचीन जगदीश मंदिर में सजाई भगवान शिव और माता पार्वती की झांकी

सीहोर। शुक्रवार को हजारों संख्या में श्रद्धालुओं ने वैशाख महाशिव रात्रि के पावन अवसर पर भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा के आह्वान पर पूरे जिले के सभी शिव मंदिरों में विशेष अनुष्ठान किया। वहीं शहर के जगदीश मंदिर में हर माह की तरह इस बार भी सुबह भगवान शिव का अभिषेक किया गया था, वहीं दोपहर में शिव और माता पार्वती की झांकी सजाई।
इस दौरान ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश शर्मा, पंडित रोहित व्यास, मनोज दीक्षित मामा, राकेश शर्मा आदि विप्रजनों की उपस्थिति में परमार समाज के शिव परमार, हृदेश राठौर, सुंदर परमार आदि शामिल थे। पंडित श्री शर्मा ने कहा कि भागवत भूषण पंडित श्री मिश्रा के द्वारा सभी श्रद्धालुओं से कहा कि सारी समस्याओं का हल सिर्फ एक लोटा जल है। भगवान शिव को जो भी व्यक्ति आस्था के साथ समर्पित करता है उसकी समस्याओं का निदान होता है। अनुसार शिवलिंग ब्रम्हांड का प्रतीक हैं। वैशाख माह में शिवलिंग के ऊपर पानी का कलश या घड़ा स्थापित करना चाहिए। इस घड़े से पानी शिवलिंग पर जिस तरह बूंद-बूंद गिरता है, वैसे ही आपकी समस्याएं पानी की तरह बहकर दूर हो जाती हैं। मान्यता है कि वैशाख माह में प्रातकाल स्नान करके भगवान शिव का जल और दूध से अभिषेक करने से ग्रह बाधाएं दूर होती हैं। सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। पं. शर्मा के अनुसार भगवान भोलेनाथ जल्द प्रसन्न होने वाले देवता हैं। थोड़े से पूजन से ही वे भक्तों पर कृपा बरसाने लगते हैं। वैशाख माह में शिवजी के जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक के साथ उन्हें उनका प्रिय पुष्प आक, धतूरा और बेलपत्र आदि अर्पित करना चाहिए। शिवजी को ऋतु फलों का भोग अर्पित करना चाहिए। इस महीने में घड़ा, सत्तू, तरबूज आदि दान करने से शारीरिक व्याधियों से छुटकारा मिलता है।
हर मासिक शिवरात्रि पर होता है आयोजन
परमार समाज के शिव परमार ने बताया कि प्राचीन जगदीश मंदिर में हर माह मासिक शिवरात्रि पर कार्यक्रम होता है। महाशिवरात्रि वर्ष में एक बार और मासिक शिवरात्रि वर्ष के हर माह मे मनाई जाती है। मासिक शिवरात्रि का व्रत, मनोवांछित फल देने वाला है। मासिक शिवरात्रि व्रत महाशिवरात्रि के दिन से शुरू कर सकते हैं और इसे साल की समाप्ति तक जारी रख सकते हैं। मान्यता है कि ये व्रत करने से भक्तों के सभी मनोरथ पूर्ण होते है, और हर मुश्किल काम आसान हो जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मासिक शिवरात्रि को रात्रि प्रहर में भगवान शिव के मंत्रों का जाप किया जाता है, जिससे विशेष सिद्धियां प्राप्त होती है। इस दिन आप शिव चालीसा, शिव मंत्रों का जाप, शिव आरती और शिवरात्रि व्रत की कथा का पाठ करके भगवान शिव को प्रसन्न कर सकते है। मासिक त्योहारों में शिवरात्रि व्रत और पूजन का बहुत महत्व है।

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