सीहोर। सीएमएचओ कार्यालय के एक फरमान से इस समय जनपद पंचायत, नगर परिषद सहित अन्य फं्रटलाइन वर्कर हैरान-परेशान हैं। दरअसल सीएमएचओ कार्यालय से एक आदेश जारी हुआ है कि जिन लोगों ने बूस्टर डोज नहीं लगवाया है उनका वेतन रोक दिया जाए। इसके बाद जनपद पंचायत, ग्राम पंचायत सहित अन्य विभागों के कर्मचारियों से कोरोना टीका का सर्टिफिकेट भी बुलवाया जा रहा है और उनका रिकार्ड तैयार किया जा रहा है।
कोरोना महामारी के बाद इससे लोगों की जान बचाने के लिए कोविड का टीका तैयार करवाया गया। टीके का परीक्षण हुआ और इसे लगवाने के लिए तैयारियां की गर्इं। इसके बाद टीकाकरण के लिए कई दौर में अभियान चलाकर इन्हें लोगों को लगवाया गया। टीकाकरण भी सबसे पहले फ्रंटलाइन वर्करों का किया गया था। उन्हें समय पर दोनों डोज लगाए गए। इसके बाद कोरोना का बूस्टर डोज भी तैयार हुआ और इसे भी सबसे पहले फ्रंटलाइन वर्करों को लगाने के निर्देश हुए।
मंगाए जा रहे हैं सर्टिफिकेट-
ग्राम पंचायतों के सचिव, जनपद पंचायतों के कर्मचारी, नगर पंचायत, नगर परिषदों के कर्मचारियों सहित अन्य विभागों के फं्रटलाइन वर्करों से कोरोना टीकाकरण के सर्टिफिकेट बुलवाए जा रहे हैं, ताकि उनका रिकार्ड तैयार कराया जाए। दरअसल यह सर्टिफिकेट इसलिए बुलवाए जा रहे हैं कि पता चल सके कि किन-किन लोगों ने दोनों डोज लगवाने के बाद इसका बूस्टर डोज लगवाया है। हालांकि अब भी बड़ी संख्या में कई फ्रंटलाइन वर्कर हैं, जिन्होंने बूस्टर डोज नहीं लगवाया है। अब उन्हें चिंता है कि कहीं उनका वेतन न रोक दिया जाए।
लिखित में दे रहे हैं कर्मचारी-
सीएमएचओ कार्यालय के फरमान के बाद कई कर्मचारी लिखित में दे रहे हैं कि उन्होंने टीका लगवा लिया है और यदि नहीं लगवाया है तो क्यों नहीं लगवा पाए। दरअसल कई कर्मचारियों की शिकायत है कि कोरोना के दोनों डोज लगने के बाद उनमें कई तरह की समस्याएं आ रही हैं। इसके कारण भी कई फ्रंटलाइन वर्कर बूस्टर डोज लगवाने से डर रहे हैं। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना टीकाकरण में ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है। यह तो लोगों ने मानसिकता बना ली है और इसके कारण उन्हें इस तरह की समस्याएं आ रही हैं।
इनका कहना है-
कोरोना के दोनों टीकों के बाद इसका बूस्टर डोज लगवाना भी बेहद जरूरी है। यह देशहित में, समाजहित में और सबसे ज्यादा जरूरी परिवारहित में है। कोरोना महामारी के बाद इसका टीकाकरण शुरू किया गया और तीसरे लहर में यदि लोगों की जान बच पाई है तो उसका सबसे बड़ा कारण कोरोना के दोनों डोज ही रहे हैं। यदि टीकाकरण समय पर नहीं होता तो बहुत बड़ी त्रासदी हो सकती थी। हालांकि ऐसा कोई आदेश नहीं दिया गया है कि बूस्टर डोज नहीं लगवाया तो वेतन काटा जाएगा।
– एम चंदेल, जिला टीकाकरण अधिकारी, सीहोर