
सीहोर। अज्ञानता के कारण ही बहुत से अपराध हो जाते हैं और अपराधों को रोकने के लिए जागरूकता जरूरी है। आज के दौर में यह जागरूकता बच्चों में सबसे ज्यादा जरूरी है। कई बार छोटी बच्चियां गुड टच-बेड टच का शिकार हो जाती हैं, लेकिन उन्हें जागरूक करना जरूरी है कि यह गुड टच-बेड टच ही नहीं, बल्कि टच ही क्यों हो। ये बातें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मुकेश कुमार दांगी ने कही। वे स्वामी विवेकानंद शिक्षा समिति एवं कैलाश सत्यार्थी चिल्डंÑस फाउंडेशन द्वारा आयोजित ‘न्याय के लिए पहली मुलाकात-बाल यौन शोषण के खिलाफ जन अभियान’ जन संवाद को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि अपराध की दो स्टेज होती है। यदि बच्चों को अपराधों के बारे में जागरुक किया जाए तो निश्चित रूप से अपराधों की संख्याएं कम होंगी। उन्होंने कहा कि कई बार पीड़ित को ही अपराधी बना दिया जाता है, जबकि वो वास्तविक अपराधी नहीं होता है और जो अपराधी होता है उसे कोई अपराधी नहीं बोलते। पास्को एक्ट को लेकर श्री दांगी ने कहा कि यदि पॉस्को एक्ट के तहत कोई व्यक्ति इसकी सूचना नहीं देता
हम समाज से लेते बहुत हैं, लेकिन देते नहीं : प्रदीप चौहान
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप चौहान ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हम हमारे समाज से लेते तो बहुत हैं, लेकिन समाज को लौटाते बहुत कम है। आज यह मानसिकता हर जगह मौजूद है। हमें समाज को लौटाना भी आना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अब इस पर विचार करना चाहिए कि बाल अपराधों की रोकथाम के लिए हमारे स्तर से क्या होना चाहिए। हम भी समाज के लिए कुछ करें, बुराइयों, अपराधों को रोकने के प्रयास करें। बेड टच-गुड टच के बारे में बच्चों को जागरूक करें।
हर स्तर से हो जागरूकता : जॉन कुर्रियन
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