
सीहोर। क्रेशर मशीन पर मजदूरी करने वालेे सुरेश की 10 वर्षीय बेटी चंदा को नया जीवन मिला है। चंदा को जिस स्थिति मेें अस्पताल लाया गया था, यदि थोड़ी देर और हो जाती तोे शायद चंदा हमारे बीच नहीं रहती, लेकिन रेहटी स्थिति विजयासन हास्पिटल के संचालक एवं डॉक्टर एके नायर एवं उनकी टीम ने चंदा के इलाज में अपनी पूरी ताकत झोंक दी। डॉक्टर थे तोे उन्होंने इलाज तो किया, लेकिन इससे भी बड़ा काम उन्होंने चंदा का इलाज पूरी तरह से निःशुल्क करके किया।
डॉ. एके नायर करते हैं परोपकार के कार्य-
विजयासन अस्पताल के संचालक डॉ. एके नायर समय-समय पर कई सामाजिक एवं परोपकार के कार्य करतेे रहतेे हैं। उनका मानना है कि मनुष्य को अपने जीवन में ऐसे कार्योें को करतेे रहना चाहिए। वे स्वामी विवेकानंद से काफी प्रभावित हैं औैर अपने पेशे के साथ ही वे कई सामाजिक सरोकारों के कार्यों में भी बढ़ चढ़कर भागीदारी निभातेे हैं।