
सीहोर। किसानों की मेहनत की कमाई पर हाथ साफ करने वाले चोर गिरोह के दो साथियों को पकड़कर उसके पास से 3 लाख 40 हजार रुपए बरामद किए गए हैं। इस चोर गिरोह में चार लोग हैं, लेकिन दो अब तक फरार हैं। इस गैंग को पकड़ने में नसरूल्लागंज पुलिस ने सफलता हासिल की है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने न्यायालय से आरोपियों की रिमांड भी मांगी है, ताकि उनसे गहन पूछताछ करके अन्य चारियों का भी पता लगाया जा सके। पुलिस को शंका है कि इन चोरों ने अन्य थाना क्षेत्रों में भी चोरियां की हैं।
सीहोर जिले में चोरों का आतंक बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। लगातार चोरियां हो रही हैं। इन चोरियों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी ने जिलेभर की पुलिस को निर्देश दिए हैं कि वे चोरियों पर अंकुश लगाएं और अपराधियों को पकड़े। इसके बाद से पुलिस लगातार अपने मुखबिर तंत्र की सहायता से चोरी करने वाली गैंग को पकड़ने में सफलता प्राप्त कर रही है। नसरूल्लागंज पुलिस ने एक और ऐसी ही चार सदस्यीय गैंग के 2 लोगों को गिरफ्तार किया है एवं दो अब भी फरार है। नसरूल्लागंज पुलिस ने पृथ्वी उर्फ फूलो सिसोदिया पिता बबन सिंह उम्र 21 साल और आशिक सिसोदिया पिता कंवरलाल उम्र 27 साल निवासी ग्राम गुलखेड़ी थाना बोड़ा जिला राजगढ़ को पकड़ा। पुलिस को इनके साथी रोहन सिसोदिया व राज सिसोदिया निवासी ग्राम गुलखेड़ी जिला राजगढ़ की भी तलाश है।
लगातार आ रही थी शिकायतें-
नसरूल्लागंज थाने में किसानों द्वारा लगातार शिकायतें की जा रही थीं कि उनकी फसल के पैसे चोरी हो रहे हैं। चोर लगातार ऐसे
सीजन के समय आकर करते थे रैकी, फिर चोरी-
पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि चोरी करने वाले आरोपी फसलों के सीजन मार्च-अप्रैल एवं अक्टूबर-नवंबर में अपने गांव से आसपास के जिलों होशंगाबाद, सीहोर के रेहटी, नसरूल्लागंज सहित अन्य क्षेत्रों में आ जाते थे। इसके बाद यहां की गल्ला मंडियों में जाकर ऐसे किसानों पर नजर रखते थे, जिनको ये अपना शिकार बना सकें। ये लोग किसानों की फसल मंडी में बिकने के बाद वे पैसे लेने कौन सी बैंक में जाएंगे यहां तक की रैकी करते थे। इसके बाद जब किसान बैंक या मंडी से पैसे लेकर निकलता था तो ये लोग अलग-अलग होकर उसका पीछा करते थे और मौका पाकर पैसे चुराकर भाग जाते। पूछताछ में यह भी सामने आया है कि कई बार ये किसानों का ध्यान भटकाने के लिए उन पर गंदी चीजें डालते थे। ये गिरोह अपने साथ बच्चों को भी चोरी के पैसों को उठाने के लिए रखता था, ताकि किसी को उन पर शक न हो। नसरुल्लागंज में बीते एक वर्ष में हुई चोरी की वारदातों में आरोपियों ने यही फंडा अपनाया था। चोरी की वारदातों को करने के बाद ये लोग राजस्थान, पंजाब सहित अन्य राज्यों में जाकर अंडरग्राउंड हो जाते थे।
पुलिस की कान्फ्रेंस में कलेक्टर भी रहे मौजूद-
किसानों की मेहनत की कमाई को चोरी करने वाले गिरोह के पकड़ाने के बाद नसरूल्लागंज पुलिस द्वारा प्रेस कान्फ्रेंस की गई, जिसमें पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी के साथ कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर भी मौजूद रहे। दरअसल मुख्यमंत्री कन्यादान योजना को लेकर सांसद रमाकांत भार्गव द्वारा नसरूल्लागंज में अधिकारियों की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें शामिल होने के लिए कलेक्टर-एसपी भी नसरूल्लागंज पहुंचे थे। बाद में पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी ने प्रेस कान्फ्रेंस करके चोर गिरोह का खुलासा पत्रकारों के साथ साझा किया।
गिरोह को पकड़ने में रही इनकी सराहनीय भूमिका-
पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गीतेश गर्ग के निर्देशन में टीम बनाई गई है। इसकी जिम्मेदारी थाना प्रभारी नसरुल्लागंज निरीक्षक कंचन सिंह ठाकुर को सौंपी गई। आरोपियों को पकड़ने में उनि दीपक सरार्टे (थाना रेहटी), उनि श्यामकुमार सूर्यवंशी, सउनि मुकेश सिंह, पवन वाडिवा, धर्मेन्द्र गुर्जर, रामशंकर परते, पुष्पेन्द्र जाट, संजय राजपूत, आनन्द गुर्जर, दीपक जाटव, राजीव मारपो, विपिन जाट, शशांक, रवीन्द्र जाट, संदीप चौधरी, वैशाली तिवारी व उनि राहुल रावत (थाना कन्नौद), सउनि रवि वर्मा (थाना कन्नौद) एवं शैलेन्द्र (साईबर सेल) की अहम भूमिका रही।