जिला चिकिल्सालय की लापरवाही ने ली पिता-पुत्री की जान, समय पर पहुंचती एम्बुलेंस तो बच सकता था परिवार

अलग-अलग हादसों में पांच लोगों की मौत

सीहोर। जिला चिकित्सालय की लापरवाही ने पिता-पुत्री की जान ले ली। यदि समय रहते पिता-पुत्री को एम्बुलेंस और इलाज मिल जाता तो उनकी जान बच सकती थी। इधर अन्य हादसों में भी तीन लोगों की मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार गुना जिले के गांव महेशपुरा चाचौड़ा निवासी भगवान सिंह मीणा अपनी पत्नी और बेटा-बेटी के साथ मोटरसाइकिल से सीहोर के समीपस्थ कुबेरेश्वर धाम में दर्शन के लिए जा रहे थे। इसी बीच गत दिवस दोपहर में करीब एक बजे उनकी मोटरसाइकिल सैकड़ाखेड़ी जोड़ के आगे अचानक अनियंत्रित हो गई एवं टैÑक्टर-ट्रॉली में पीछे से जा घुसी। दुर्घटना की सूचना आसपास के लोगों ने जिम्मेदारों तक पहुंचाई। सूचना मिलने के बाद भी एम्बुलेंस घटनास्थल पर समय से नहीं पहुंची। इसके बाद पुलिस ने जैसे-तैसे चारों घायलों को जिला चिकित्सालय तक पहुंचाया। यहां पर डॉक्टरों ने जांच की एवं 45 वर्षीय भगवानसिंह मीणा एवं उनकी 8 वर्षीय बेटी सौम्या को मृत घोषित कर दिया, वहीं पत्नी एवं बेटे को गंभीर अवस्था में भोपाल रिफर कर दिया गया। बताया जा रहा है कि मां-बेटे भी करीब एक घंटे तक अस्पताल में तड़पते रहे, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने एम्बुलेंस तक उपलब्ध नहीं करवाई। एक घंटे के बाद मां-बेटे को एम्बुलेंस से भोपाल के हमीदिया अस्पताल रिफर किया गया। समाचार लिखे जाने तक दोनों की स्थिति नाजुक बनी हुई थी। इधर सिविल सर्जन जिला अस्पताल डॉ. अशोक मांझी ने बताया कि दुर्घटना के बाद दो लोगों को मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया था। एक एम्बुलेंस सीएम ड्यूटी में थी, जबकि एक अन्य एम्बुलेंस सर्विसिंग पर गई थी। करीब 10 मिनट में एम्बुलेंस की व्यवस्था करके घायलों को भोपाल भेजा गया।
इधर थाना नसरुल्लागंज सीहोर अंतर्गत शासकीय अस्पताल नसरुल्लागंज में 36 वर्षीय विनोद कहार निवासी पाचोर की मृत्यु फांसी लगाने के कारण हो गई। थाना बुदनी सीहोर अंतर्गत बंदर झिरी गिट्टी खदान की कराड ग्राम खांडाबड़ में 35 वर्षीय सुरेश भिलाला निवासी बंदर झिरी खाण्डाबड़ की मृत्यु भी अज्ञात कारणों से हो गई। थाना कोतवाली सीहोर अंतर्गत जिला अस्पताल सीहोर में 20 वर्षीय ईश्वर मेवाड़ा निवासी ग्राम खामलिया थाना दोराहा की अज्ञात कारण से मृत्यु हो गई। पुलिस ने सभी मामलों में प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।