
सीहोर। शहर के चाणक्यपुरी स्थित विश्वनाथपुरी में जारी नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के दौरान रात्रि को भगवान राम और माता सीता के विवाह की झांकी सजाई गई। इस मौके पर 108 श्री उद्धव दास महाराज ने कथा के दौरान ताड़का वध, अहिल्या उद्धार और अन्य प्रसंग के बारे में वर्णन किया। ताड़का वध, अहिल्या उद्धार और धनुष यज्ञ के प्रसंग सुन श्रोता भाव विभोर हो उठे। विश्वामित्र जी
श्रीराम कथा का शुभारंभ भगवान श्रीराम की आरती के साथ किया जाता है। ऋषि विश्वामित्र श्रीराम को भगवान का अवतार बताकर राजा दशरथ से मांग कर उन्हें अपने आश्रम ले गए। यहां श्रीराम ने उनके यज्ञ को संपन्न कराया और मारीच व ताड़का का वध किया। इसी बीच राजा जनक के निमंत्रण पर ऋषि विश्वामित्र श्रीराम व लक्ष्मण को लेकर जनकपुर के लिए चल दिए। रास्ते में भगवान ने अहिल्या का उद्धार किया। उन्होंने पुष्पवाटिका में राम-सीता के मिलन का भावपूर्ण उल्लेख किया। राजा जनक की सभा में देश-देशांतर के राजा धनुष भंग नहीं कर पाए। अंत में भगवान श्रीराम ने सहज ही धनुष को भंग करने का सुयश प्राप्त किया। धनुष भंग का समाचार सुनकर पूरा जनकपुर आह्लादित हो गया। देवताओं ने आकाश से पुष्प वर्षा की। पंडाल जय श्रीराम
श्रीराम कथा में पहुंचे अरोरा दम्पति-
विश्वनाथपुरी में चल रही श्रीराम कथा में बुधवार को पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जसपाल सिंह अरोरा एवं पूर्व नपाध्यक्ष अमिता अरोरा भी पहुंचे और कथा वाचक श्री उद्धवदाव दास जी महाराज का शॉल, श्रीफल से सम्मान कर आशीर्वाद प्राप्त कर जनमानस के लिए सुखसमृद्धि की कामना की एवं कथा का श्रवण किया।