नई दिल्ली
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने एक बार फिर से अपने संन्यास की बात छोड़ी है। इस दिग्गज ने बताया कि कैसे उनको महेंद्र सिंह धौनी के आस्ट्रेलिया दौरे पर वनडे प्लेइंग इलेवन से ड्राप किए जाने पर ठेस पहुंची थी। वह इतने आहत थे कि इस फार्मेट को ही अलविदा कहने जा रहे थे लेकिन टीम से उनके एक सीनियर ने ऐसा करने से रोक लिया। सहवाग बोले, "साल 2008 में जब हम आस्ट्रेलिया में थे, मेरे दिमाग में संन्यास लेने का सवाल आया था। मैंने टेस्ट सीरीज में वापसी की थी और 150 रन बनाए थे। वनडे में मैं तीन चार मुकाबलों में रन बनाने में नाकाम रहा इस वजह से एमएस धौनी ने मुझे प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया तब मेरे मन में वनडे क्रिकेट को छोड़ देने का ख्याल आया था। मैंने सोचा था अब सिर्फ टेस्ट क्रिकेट में खेलना जारी रखूंगा।"
यह साल इस दिग्गज के लिए बेहद मुश्किल रहा था। उन्होंने खुद बताया कि कैसे टेस्ट टीम से बाहर किए जाने के बाद घरेलू क्रिकेट की तरफ रुख किया था। यहां भी उनके बल्ले से रन नहीं निकले थे लेकिन फिर कड़ी मेहनत के दम पर सहवाग ने टीम इंडिया में वापसी की और वनडे विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा भी बने। सहवाग ने इस बात का भी खुलासा किया कि वह सचिन थे जिन्होंने उनको आस्ट्रेलिया दौर के बाद वनडे क्रिकेट से संन्यास की घोषणा करने से रोका था। सहवाग बोले, "सचिन तेंदुलकर ने मुझे उस वक्त रोका था। उन्होंने मुझे रोकते हुए कहा था कि यह जीवन का एक बुरा दौर है। बस थोड़ा इंतजार कीजिए, दौरे के बाद घर जाइए, अच्छे से सोचिए और फिर फैसला कीजिए की आपको आगे क्या करना है। किस्मत की बात है कि मैंने तब संन्यास की घोषणा नहीं की।"