जिस बात का डर था वही हुआ, क्या अब भी मैच और सीरीज जीत सकती है टीम इंडिया?

नई दिल्ली

एजबेस्टन में भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे पांचवें टेस्ट मैच के तीसरे दिन के खेल के बाद सभी को एक डर सता रहा था कि अगर टीम इंडिया ने कम से कम 400 रन की बढ़त हासिल नहीं की तो मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसा ही हो भी गया और अब चौथे दिन के खेल के बाद कहा जा सकता है कि मैच भारत की पहुंच से दूर हो गया है। हालांकि, मैच और सीरीज जीतने की उम्मीद अभी भी की जा सकती है। तीसरे दिन के मैच समाप्त होने तक टीम इंडिया के पास 257 रनों की बढ़त थी और दूसरी पारी में भारतीय टीम 45 ओवर में 3 विकेट खोकर 125 रन बना चुकी थी, लेकिन चौथे दिन टीम 37 ओवर भी नहीं खेल पाई और कुल 245 रन पर ढेर हो गई। इसी बात का डर था कि टीम कहीं 400 से कम की बढ़त हासिल करने से पहले आउट न हो जाए और ये डर सच्चाई में उस समय बदल गया, जब टीम 377 रन की बढ़त हासिल कर सकी।

वहीं, इंग्लैंड की टीम ने 378 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए अच्छी शुरुआत हासिल की। कप्तान जसप्रीत बुमराह ने टीम इंडिया की वापसी जरूर कराई, लेकिन फिर जो रूट और जॉनी बेयरेस्टो ने भारत को पीछे धकेल दिया। इंग्लैंड को मैच जीतने और सीरीज में बराबरी करने के लिए महज 119 रनों की दरकार है और टीम के हाथ में 7 विकेट हैं। रूट और बेयरेस्टो नाबाद लौटे हैं। ऐसे में इंग्लैंड के लिए ये काम आसान नजर आता है।

वहीं, अगर टीम इंडिया की बात करें तो बुमराह की कप्तानी वाली टीम इस मैच और सीरीज को तभी जीत सकती है, जब पांचवें दिन के पहले सत्र के पहले 10 ओवरों में जो रूट और जॉनी बेयरेस्टो या उनके बाद आने वाले बेन स्टोक्स को आउट करे और जल्द ही सैम बिलिंग्स को भी पहले सत्र में पवेलियन भेज दे। अगर टीम के तेज गेंदबाज ऐसा करने में विफल होते हैं तो फिर पहले सत्र में ही इस मैच का नतीजा निकलने की पूरी संभावना है और इस मैच का नतीजा इंग्लैंड के पक्ष में चला जाएगा।  

400 से ज्यादा रन की बढ़त की बात इसलिए कही जा रही थी, क्योंकि इंग्लैंड ने हाल ही में न्यूजीलैंड को लगातार दो मैचों में 300 रन के करीब के लक्ष्य को कम ओवरों में हासिल किया था। यहां तक कि इस मैच के टॉस के दौरान बेन स्टोक्स ने भी ये बात कही थी कि वे लक्ष्य का पीछा करने में सफल हुए हैं और वे भारत के खिलाफ भी यही विकल्प चुनेंगे। इसके अलावा तीसरे दिन के खेल के बाद जॉनी बेयरेस्टो ने भी यही बात बोली थी कि भारत चाहे जो लक्ष्य दे, हम उसका पीछा करेंगे।