भोपालमध्य प्रदेश

क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों से चर्चा में सीएम ने दिए निर्देश, टेक होम होगा प्री बोर्ड एग्जाम

भोपाल
प्रदेश में लगातार बेकाबू हो रहे कोरोना संक्रमण को लेकर आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिलों की क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की।  सीएम ने कहा कि टीकाकरण सबसे बड़ी सुरक्षा है। ग्राम स्तर पर इसकी समीक्षा हो। सभी के प्रयत्न और सामूहिक कोशिश से अच्छे परिणाम मिलेंगे।

प्रदेश में कक्षा एक से 12वीं तक के सभी निजी और सरकारी स्कूल 31 जनवरी तक बंद रहेंगे। बीस जनवरी से होने वाली प्री बोर्ड परीक्षाएं अब टेक होम एग्जाम के आधार पर ली जा सकेंगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की बैठक के दौरान इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रैली और मेले पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगे। हाल में 50 प्रतिशत क्षमता के साथ कार्यक्रम हो सकेंगे और इसकी अधिकतम संख्या 250 होगी। बड़ी सभाएं और आयोजन भी प्रतिबंधित कर दिए गए हैं।

आर्थिक गतिविधियां जारी रहेंगी और खेल कूद में 50 फीसदी उपस्थिति रह सकेगी। इसमें पब्लिक की मौजूदगी पर रोक लगाई गई है। शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जिला व विकासखंड स्तरीय क्राइसिस मैनजमेंट कमेटी से संवाद के दौरान सीएम चौहान ने ये निर्देश दिए हैं। सीएम चौहान ने वीसी के दौरान उन जिलों के कलेक्टरों से बात की जहां वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी है। उन्होंने घर-घर दस्तक देकर टीकाकरण का काम पूरा करने के लिए कहा।

सीएम ने कहा कि वे 17 जनवरी को कम वैक्सीनेशन वाले जिलों के कलेक्टरों के साथ फिर वैक्सीनेशन की समीक्षा करेंगे। भिंड कलेक्टर से सीएम ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि टीकाकरण सबसे बड़ी सुरक्षा है। ग्राम स्तर पर इसकी समीक्षा हो। सभी के प्रयत्न और सामूहिक कोशिश से अच्छे परिणाम मिलेंगे। दूसरे राज्यों में जाने वाले माइग्रेटेड लोगों की सूची बनाएं। इनकी संख्या की पुष्टि करें। उन्होंने कहा कि टीकाकरण कम होने का कोई तर्क नही सुनूंगा। वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान सीएम ने अधिकतम कोरोना पाजिटिव केस वाले जिलों के कलेक्टरों से बात की। इसमें इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, सागर के कलेक्टर शामिल हैं।

प्रदेश के सभी जिलों में अब कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ती जा रही है। बीते 24 घंटे में पूरे प्रदेश में 4755 कोरोना पॉजीटिव मरीज मिले हैं। इसमें से 50 फीसदी कोरोना मरीज प्रदेश के दो बड़े शहर इंदौर और भोपाल में ही मिले हैं। यहां पर क्रमश: 1291 और 1008 मरीज मिले हैं। इसी तरह, ग्वालियर में 570, जबलपुर में 349, सागर में 263 और उज्जैन में 186 कोरोना के मरीज मिले हैं। प्रदेश में वर्तमान में करीब 21394 कोरोना के सक्रिय मरीज हैं।

ऐसे में अब प्रदेश में सख्ती बढ़ाने पर निर्णय लिया जा सकता है। हालांकि प्रदेश में तीसरी लहर के आंकड़ों के बीच राहत की बात ये हैं कि फिलहाल कोरोना से संक्रमित मरीजों की मौत के आंकड़े जीरो है। ऐसे में प्रशासन संक्रमण को रोकने पर ज्यादा जोर दे रहा है।

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