सीहोर-रेहटी। सलकनपुर मंदिर समिति के अध्यक्ष की नियुक्ति के लगभग चार माह के बाद समिति के सदस्यों के नामों की भी घोषणा कर दी गई। तीन सदस्यीय समिति में भाजपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल टेेलर, अरविंद दुबे और लिखीराम यादव को जगह मिली है। हालांकि सदस्यों के लिए कई अन्य नामों की भी दावेदारी थी। अध्यात्म विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा भोपाल स्टेट सलकनपुर टेम्पल एक्ट 1956 (क्रमांक 13 सन 1956) की धारा-5 की उपधारा(1) द्वारा प्रदत्त शक्तियोें का प्रयोग करते हुए इसकी अधिसूचना प्रकाशित की गई है। यहां बता दें कि 15 सितंबर 2021 को भाजपा नेता महेश उपाध्याय को सलकनपुर मंदिर समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। उसके बाद से ही समिति के सदस्यों की कवायद चल रही थी। इसमें भाजपा सहित कई अन्य लोगों ने अपनी दावेदारी जताई थी। सदस्यों के लिए सलकनपुर ग्राम पंचायत के सरपंच विपत्त सिंह उइके की भी प्रबल दावेदारी थी। हालांकि भोपाल स्टेट सलकनपुर टेम्पल एक्ट 1956 में स्थानीय जनप्रतिनिधि (सरपंच) समिति का सदस्य मनोनीत होता है, लेकिन वर्तमान में पंचायतोें में सरपंच के पद रिक्त हो गए हैं। इसी तरह पहले भी कई अन्य अड़चनें सरपंच विपत सिंह उइके के लिए सदस्य बनने में होती रही। मंदिर समिति में सदस्य बनाए गए सभी भाजपा नेता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी हैं। सभी नेताओं को सदस्य बनाए जाने पर भाजपा सलकनपुर मंडल के अध्यक्ष प्रेमनारायण मीणा सहित अन्य नेताओं ने बधाई दी है।
विवादों में रही है मंदिर समिति-
सलकनपुर मंदिर समिति कई बार विवादों में भी रही हैै। ट्रस्ट में आने वाली दानराशि, जेवरात सहित अन्य सामग्री के कारण भी ट्रस्ट की कार्यप्रणाली हमेशा से घेरे में रही है। इसके कारण इनकेे कर्ता-धर्ताओें पर भ्रष्टाचार की आंच भी आई है। हालांकि समिति के कर्ता-धर्ताओं के मुख्यमंत्री के करीबी होने के कारण स्थानीय नेता एवं जनप्रतिनिधि सामने आकर इसका विरोेध नहीं जता पाए, लेकिन दबी जुवां में हरकोई मंदिर समिति की कार्यप्रणाली पर उंगलिया उठाता रहा है।