राजनीतिक

उत्तराखंड चुनाव 2022: BJP का दबाव बनाने वालों को कड़ा सबक

देहरादून
उत्तराखंड चुनाव 2022 से पहले ही लंबे समय से पार्टी को सांसत में डालने वाले हरक सिंह रावत पर कड़ी कार्रवाई करके भारतीय जनता पार्टी ने न केवल हरक, बल्कि उनकी राह पर चलने को आतुर अन्य नेताओं को कड़ा संदेश दे दिया है। जानकारों का मानना है कि, पार्टी में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं करने के भाजपाई दावों को इस कार्रवाई से ताकत मिली है। हरक सिंह रावत पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत के समय से ही बार बार सरकार और संगठन को मुश्किल में डालते रहे। हाल में कैबिनेट की बैठक छोड़कर जाने की घटना ने तो भाजपा के अनुशासन के दावों को उघाड़ कर रख दिया था। लेकिन अब उम्मीदवारी घोषित होने से ठीक पहले हरक सिंह के संभावित कदम को भांप कर पार्टी ने उन पर कड़ी कार्रवाई कर दी। समझा जा रहा है कि, हरक के अलावा पार्टी पर दबाव बनाने को तैयार बैठे अन्य नेताओं को भी पार्टी ने इस कार्रवाई के जरिए कड़ा संदेश दे दिया है। भाजपा के सूत्रों का कहना है कि, पार्टी में इस बार टिकट नहीं मिलने पर कई नेता बगावत कर सकते हैं। इसके लिए पार्टी संगठन ने बीते शनिवार को राज्य से भाजपा के सांसदों की एक टीम भी बनाई। इस टीम को बगावत पर उतारु होने वाले नेताओं को समझाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस टीम के गठन के बाद पार्टी ने चुनाव से पहले पार्टी को एकजुट करने के लिए अब हरक पर कार्रवाई करके भावी डैमेज कंट्रोल की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। तीन दिन में दूसरी बार दिल्ली गए थे हरक :देहरादून। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत तीन दिन में दूसरी बार रविवार शाम  दिल्ली रवाना हुए थे। समझा जा रहा था कि, वह अपने साथ ही बहू अनुकृति गुसाईं के लिए भी टिकट को लेकर दिल्ली में नेताओं से मिलेंगे। यदि बात नहीं बनी तो बड़ा सियासी कदम भी उठा सकते हैं। कोर कमेटी की बैठक में नहीं हुए थे शामिल:हरक सिंह शनिवार को ही दिल्ली से देहरादून पहुंचे थे। वे भाजपा की कोर कमेटी की बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे। इसे उनके दबाव बनाने की राजनीति का हिस्सा माना जा रहा था। ऐसे में उनके दोबारा दिल्ली रवाना होने से साफ हो गया था कि, सब कुछ सामान्य नहीं है।

तो प्लान बी बनाकर गए थे दिल्ली
समझा जा रहा था कि, हरक खुद को मनमाफिक सीट और बहू के लिए लैंसडाउन से टिकट नहीं मिलने पर भाजपा का सियासी दामन छोड़ सकते हैं। उनके कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें भी लगाई जाने लगी थीं। सूत्रों का कहना है कि, कांग्रेस में शामिल होने को लेकर उनकी कुछ बड़े नेताओं से बातचीत  चल रही है।

केदारनाथ में विरोध करने वालों को दिया जवाब
केदारनाथ सीट पर शैला रानी रावत के बाहरी प्रत्याशी का विरोध करने से भी हरक नाराज थे। उनका कहना था कि शैला रानी को राजनीति में वही लेकर आए। पहले जिला पंचायत अध्यक्ष बनवाया। फिर विधायक का टिकट दिलवाया। इसके बाद भी यदि उनका विरोध किया गया जा रहा है, तो ये उनकी समझ  से परे है।

कोटद्वार से लड़ने का मन नहीं
कोटद्वार से क्यों नहीं लड़ने के सवाल पर हरक बोले की वे कोटद्वार के लिए कुछ काम नहीं करवा पाए। इसका उन्हें मलाल है। हालांकि इसके बाद भी वो कोटद्वार से जीत जाएंगे, लेकिन उनका मन नहीं है। दिल्ली जाते समय हरक ने कहा कि, कुछ व्यक्तिगत कार्यों के साथ ही पार्टी नेताओं से भी उनकी मुलाकात होगी।

 

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