पहला चुनाव हार गए थे भगवंत मान, ‘आप’ में आए तो बदली किस्मत
चंडीगढ़
आम आदमी पार्टी (आप) ने पंजाब विधानसभा चुनाव में भगवंत मान को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है। आप ने इस ऐलान से पहले फोन लाइन के जरिए एक सर्वे कराया। सर्वे में 93% लोगों ने भगवंत मान को आप का मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाने की बात कही। 48 साल के भगवंत मान ऐसी शख्सियत हैं जिनमें व्यंग्यात्मकता और गंभीरता एक साथ मिलती है। भगवंत मान कॉलेज ड्रॉपआउट हैं। वह देश के सबसे लोकप्रिय स्टैंडअप कॉमेडियन में से एक रहे हैं। पंजाब में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के लिए भीड़ जुटाने वाले नेता बन चुके हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 2011 में मनप्रीत सिंह बादल की पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब से की, लेकिन सफलता नहीं मिली। वह विधानसभा चुनाव की सीट भी नहीं जीत सके।
2014 में AAP के टिकट पर जीतकर संसद पहुंचे
भगवंत मान मार्च 2014 में आप में शामिल हुए और अपने गृह जिले संगरूर से दो लाख से अधिक वोटों के अंतर से लोकसभा चुनाव जीता। मान 2019 के लोकसभा चुनाव में AAP के लिए एकमात्र सिल्वर लाइनिंग थे। उन्होंने 2019 में संगरूर सीट अपने पास बनाए रखी, लेकिन इस उन्हें एक लाख से अधिक वोटों से जीत मिली।
संगरूर में भगवंत मान की मजबूत फैन-फॉलोइंग
संगरूर में भगवंत मान की मजबूत फैन-फॉलोइंग है। मान के सपोर्टर्स उन्हें नागरिक अधिकारों को लेकर मतदाताओं के साथ जुड़ाव का श्रेय देते हैं। एक सपोर्टर ने जोर देकर कहा, "यह उनकी वजह से है कि हमें एक मतदाता और एक नागरिक के रूप में अपने अधिकारों के बारे में पता चला।"
मान के साथ विवादों का जाल
ऐसा कहा जाता है कि मान और विवाद हाथ में हाथ डालकर चलते हैं। उन पर संसद की सुरक्षा से समझौता करने और यहां तक कि शराब पीकर सदन में जाने का आरोप लगा है। इसके बाद उन्होंने डैमेज कंट्रोल करते हुए बरनाला में रैली में यह शपथ ली कि शराब नहीं पीएंगे।
2022 में मान के सामने बड़ी चुनौती
2015 में मान और उनकी पत्नी ने तलाक के लिए अर्जी दी। उनके दो बच्चे हैं। एक बेटी और एक बेटा, जो विदेश में रहते हैं। भगवंत मान के सामने इस बार बड़ी चुनौती है। पिछले और इस विधानसभा चुनाव के बीच लड़ाई बहुध्रुवीय हो गई है। पंजाब में आप के गौरव माने जाने वाले मान को राज्य में आम आदमी पार्टी को पंचकोणीय मुकाबले में आगे बढ़ाना है।