Newsमध्य प्रदेशसीहोर

मरीह माता पर नवरात्र के पांचवे दिवस कन्या भोज का आयोजन

सीहोर। शहर के विश्रामघाट स्थित मरीह माता मंदिर में आस्था और उत्साह के साथ चौत्र नवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है। इस मौके पर पंडितों के द्वारा सुबह पूर्ण विधि-विधान से शतचंडी यज्ञ के वैदिक मंत्रों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो रहा है। इसके अलावा प्रतिदिन मंदिर परिसर में कन्या भोज आदि का आयोजन भी किया जा रहा है।
नौ दिवसीय शतचंडी यज्ञ के पांचवे दिन व्यवस्थापक गोविन्द मेवाड़ा, रोहित मेवाड़ा, मनोज दीक्षित मामा, पंडित उमेश दुबे, ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश शर्मा के मार्गदर्शन में पूजा अर्चना की गई और यज्ञ में वैदिक मंत्रों के साथ आहुतियां दी गई। इस दौरान श्रद्धालुओं ने वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ 11 सौ से अधिक आहुतियां दी। रविवार को मां स्कंदमाता का आह्वान किया। यज्ञाचार्य पंडित श्री दुबे ने बताया कि चौत्र नवरात्रि का पांचवा दिन मां दुर्गा की पांचवी शक्ति मां स्कंदमाता हैं. 26 मार्च 2023, रविवार को मां स्कंदमाता की पूजा की जाएगी. देवी स्कंदमाता कार्तिकेय यानी कि स्कंद कुमार की माता हैं, इसलिए इन्हें स्कंदमाता नाम दिया गया है। भगवान स्कंद बालरूप में इनकी गोद में विराजित हैं। कहते हैं कि नवरात्रि में निसंतान दंपत्ति को स्कंदमाता की विशेष उपासना करनी चाहिए, पौराणिक मान्यता है कि स्कंदमाता की आराधना से सूनी गोद जल्द भर जाती है। उन्होंने बताया कि सांसारिक जीवों में नवचेतना का बीज बोने वाली देवी कहलाती हैं मां स्कंदमाता। चौत्र नवरात्रि के पांचवें दिन स्नान के बाद पीले वस्त्र पहनें और फिर देवी को पीला चंदन, पीली चुनरी, पीली चूड़ियां, पीले फूल अर्पित करें। पूजा में ऊं स्कंदमात्रै नम का जाप करते रहें. मां स्कंदमाता को केले का भोग अति प्रिय है. खीर में केसर डालकर भी नेवैद्य लगाया जा सकता है। मां स्कंदमाता के मंत्रों का जाप करें और आरती के बाद 5 कन्याओं को केले का प्रसाद बांटें। मान्यता है इससे देवी स्कंदमाता बहुत प्रसन्न होती है और संतान पर आने वाले सभी संकटों का नाश करती है. संतान हर कठिनाईयों को आसानी से पार करने में सक्षम बनता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button