सीहोर कलेक्टर द्वारा किए गए स्मार्ट क्लास के नवाचार की किरकिरी करा रहे भैरूंदा ब्लॉक के स्कूल
- शिक्षकों ने करवाई रहे खुलेआम नकल, अधिकारी नहीं कर रहे कार्रवाई
सीहोर। सीहोर कलेक्टर प्रवीण सिंह अढायच द्वारा जिले के स्कूलों में स्मार्ट क्लास का नवाचार कराया गया। इस नवाचार में सबसे पहले वाहवाही लूटने वाले भैरूंदा ब्लॉक के स्कूल रहे। स्मार्ट क्लास में छात्र-छात्राएं बेहतर तरीके से पढ़ाई कर सकें, इसके लिए टीवी, एलईडी लगाए गए। इस स्मार्ट क्लास के नवाचार की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी मंच से जमकर तारीफ की, लेकिन अब कलेक्टर प्रवीण सिंह के इस नवाचार की भैरूंदा ब्लॉक के स्कूल किरीकिरी कराने में भी कोेई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। सालभर तक बच्चों को पढ़ाया नहीं गया और लोकल एक्जाम में ही उन्हें खुलेआम नकल करवाकर शत-प्रतिशत रिजल्ट देने की तैयारी कर ली। मीडिया द्वारा इस गंभीर मामले को उठाया गया है, लेकिन इसके बाद भी अब तक ऐसी गड़बड़ी करने वाले स्कूल एवं शिक्षकों के खिलाफ कोेई कार्रवाई नहीं की गई है।
सीहोर जिले में स्कूलों के बेहतर प्रबंधन कोे लेकर कलेक्टर प्रवीण सिंह बेेहद गंभीर हैैं। यही कारण है कि उन्होेंने सीहोर जिले में कलेक्टरी संभालने के बाद सबसेे पहले जिलेभर के शिक्षकों की सामूहिक बैठक बुलाकर उनसे चर्चा की। इस दौरान कलेक्टर ने सभी शिक्षकों से आह्वान किया कि वे अपने-अपनेे स्कूलों को स्मार्ट बनाएं, हर क्लास को स्मार्ट बनाकर स्मार्ट तरीके सेे पढ़ाएं। कलेक्टर की अपील के बाद इस कार्य कोे सबसेे पहले करनेे में सीहोर जिले का भैरूंदा ब्लॉक ही रहा। यहां के शत-प्रतिशत स्कूलों ने स्मार्ट क्लास बनाकर कीर्तिमान भी बनाया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने यहां पर आयोजित कार्यक्र्रम मेें भी इस नवाचार एवं प्रयास की जमकर सराहना की, लेकिन अब यह सराहन भैरूंदा ब्लॉक के स्कूल पचा नहीं पा रहे हैैं। यही कारण हैै कि अब वे मनमानी तरीकेे सेे स्कूलों एवं सिस्टम का संचालन कर रहे हैं।
44 स्कूलों का संकुल केंद्र कर रहा गंभीर लापरवाही-
सीहोर जिले केे भैरूंदा ब्लॉक मेें प्राइमरी, मिडिल, हाईस्कूल एवं हायर सेकंडरी स्कूलों की संख्या करीब 293 के आसपास है। इनमें सेे छीपानेर संकुल केंद्र से जुड़ी हुईं 44 स्कूल हैं। संकुल केंद्र केे अंतर्गत 14 मिडिल, 20 प्राइमरी, 7 हाईस्कूल एवं 3 हायर सेकंडरी स्कूल आते हैं। इसकेे अलावा इस संकुल केंद्र में ही करीब 300 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं, लेकिन इस संकुल केंद्र के प्रभारी एवं यहां के स्टॉफ की गंभीर लापरवाही पूरे सिस्टम पर भारी पड़ रही हैै। संकुल केंद्र छीपानेर एवं इसके अंतर्गत आनेे वाले स्कूलों की कार्यप्रणाली कलेक्टर प्रवीण सिंह के नवाचार एवं उद्देश्यों को ठेंगा दिखा रहे हैं। यही कारण हैै कि यहां पर खुलेआम बच्चोें से पैसे लेेकर उन्हें नकल करवाई गई।
कलेक्टर के निर्देेश शत-प्रतिशत रिजल्ट चाहिए-
कलेक्टर प्रवीण सिंह ने सीहोेर जिले के स्कूूलों के प्राचार्य एवं यहां के प्रभारियोें कोे निर्देेश दिए हैं कि स्कूलों के रिजल्ट शत-प्रतिशत आए, लेकिन कलेक्टर ने साथ ही यह भी कहा कि परीक्षाओें में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो। अब शत-प्रतिशत रिजल्ट लाकर वाहवाही कराने के चक्कर में संकुल केंद्र छीपानेर एवं इसके अंतर्गत आनेे वाले स्कूल खुलेआम नकल करवाकर कलेक्टर से वाहवाही कराना चाहते हैैं, लेकिन उन्हें यहां पढ़ने वाले बच्चोें के भविष्य से कोई मतलब नहीं है। उन्हें तोे केवल उनकी वाहवाही कराना है।