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सनातन धर्म की सेवा रक्षा करना ही जीवन का परम लक्ष्य: पं मोहितरामजी

आष्टा। हर मानव के जीवन में एक लक्ष्य होना चाहिए और उसी लक्ष्य पर केंद्रित होकर वहां कार्य करता है। ऐसे ही हर सनातनी का लक्ष्य धर्म राष्ट्र की रक्षा करना है। यह शरीर शंकर का दिया हुआ शिव का दिया हुआ है। परमात्मा के लिए हाड मास के शरीर में जब तक एक भी सांस है सनातन धर्म और राष्ट्र की सेवा करते रहेंगे। भोपाल जिले के हुजूर तहसील के ग्राम इमलिया में पूज्य गुरुदेव पंडित दुर्गा प्रसाद जी कटारिया बाबा के संरक्षण में चल रही सप्त दिवसीय शिव महापुराण कथा में कथा व्यास परम गौभक्त संत पंडित मोहितरामजी पाठक ने कहे। भगवान शिव भक्ति का प्रताप इस कलिकाल में संपूर्ण जीव किसी ना किसी दुख पीड़ा संकट से ग्रस्त है। कोई तन से दुखी, कोई मन से दुखी, कोई धनविन रहे उदास मानव योनि में व्यक्ति नाना प्रकार के दुखों को भोग रहा है, किंतु जो भगवान शिव की शरण में, शिव कथा की शरण में आ जाता है उसे शिव की प्राप्ति होती है। आगे कथा में वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि जो एक बार शिव की शरण में आ जाता है वह शिवकृपा को प्राप्त कर लेता है। एक बिल पत्र एक लोटा जल श्रद्धा के साथ एक फूल भी शिव को अर्पण करते भगवान भोलेनाथ सभी भक्तों को अपने हृदय से लगा लेते हैं और अपनी शरण ग्रहण कराकर शिवधाम की प्राप्ति कराते हैं। भगवान विष्णु बैकुंठ में ब्रह्माजी ब्रह्मलोक में इंद्र स्वर्ग में नाग देवता नाग लोक में मगर मेरे बाबा महाकाल मृत्यु लोक के कैलाश पर वास करते हैं। कथा में दूर-दूर से श्रद्धालुगण पधारे, जिसमें आसपास के ग्रामीण क्षेत्र से बड़ी संख्या में माता बहने भक्तगण उपस्थित हुए। साथ में आयोजन समिति समस्त ग्रामवासियों इमलिया ने सभी भगवत प्रेमी श्रोताजनों का कथा में पधारने का आग्रह किया

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