मूंग खरीदी के साथ धांधली भी शुरू, भ्रष्टाचार का नया तरीका किया इजाद
खरीदी केंद्रों पर सर्वेयर मौजूद, फिर भी प्रत्येक ट्राली से वेयर हाउसिंग की प्रबंधक बुला रहीं 300 ग्राम मूंग
रेहटी। समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल 7750 पर शुरू हुई मूंग की खरीदी के साथ धांधली, गड़बड़ियां भी शुरू हो गईं है। यही कारण है कि किसान फिर से ठगे जा रहे हैं। इस बार गड़बड़ी का नया तरीका भी इजाद किया गया है। मप्र वेयर हाउसिंग कारपोरेशन शाखा बोरी के अंतर्गत आने वाले मूंग खरीदी केंद्रों पर सर्वेयर तैनात है एवं वे यहां पर आने वाली किसानों की मूंग की जांच भी कर रहे हैैं, लेकिनन इसके बाद भी बोरी शाखा प्रबंधक द्वारा प्रत्येक किसान की ट्राली सहित अन्य वाहनों से आने वाली मूंग में से 300 ग्राम मूंग जांच के नाम से बुलाई जा रही है। नियमानुसार खरीदी केंद्रों पर ही नमूना जांच होनी चाहिए, लेकिन शाखा प्रबंधक द्वारा कार्यालय एवं घर बुलाकर मूंग की जांच की जा रही है।
प्रदेश सरकार द्वारा किसानोें से समर्थन मूल्य 7750 पर मूंग की खरीदी की जा रही है। सीहोर जिले में सबसेे ज्यादा मूंग का रकबा भैरूंदा, रेहटी तहसील में ही होता है। कुछ मूंग बुदनी तहसील में भी लगाई जाती है। रेहटी तहसील के अंतर्गत आने वाले किसानों से समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी के लिए बनाए गए खरीदी केंद्रों पर जिम्मेदारों द्वारा ही मनमानी एवं गड़बड़ी की जा रही है। सहकारी समितियों के माध्यम से खरीदी जा रही मूंग की फसल के लिए नेफेड द्वारा सर्वेयर भी तैनात किए गए हैं। ये सर्वेयर खरीदी केंद्रों पर आने वाले किसानोें की मूंग की जांच कर रहे हैं एवं इसके बाद ही उनकी मूंग की तुलाई की जा रही है, लेकिन मप्र वेयर हाउसिंग कारपोरेशन शाखा बोरी प्रबंधक द्वारा खरीदी केंद्रों पर आने वाली ट्रॉलियों एवं लोडिंग वाहनों से 300 ग्राम मूंग जांच के नाम पर कार्यालय एवं घर पर बुलाई जा रही है। इसके पीछे शाखा प्रबंधक डॉली राठौर द्वारा तर्क दिया जा रहा है कि मूंग के सेंपल उपर अधिकारियों को जांच के लिए भेजा जाता है।
इधर भैरूंदा तहसील में बिना जांच के खरीद ली 50 हजार क्विंटल से अधिक मूंग-
मूंग की धांधली कहीं भी नहीं थम रही है। मूंग खरीदी में भैरूंदा तहसील के किसानों से वेयर हाउसों के प्रबंधक एवं मालिकोें की मिलीभगत से बिना सर्वेयर की जांच के ही मूंग अपने-अपने वेयर हाउसों में पटका दी गई। 50 हजार क्विंटल से अधिक मूंग किसानों के घरों से बुलाकर वेयर हाउसों में भरवा ली गई। अब इस मूंग को नेफेड ने भी लेने से इनकार कर दिया है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि ये मूंग बिना सर्वेयर के जांच किए ही ली गई है, इसलिए इसे नेफेड नहीं उठाएगा। दरअसल सीहोेर जिले के भैरूंदा, रेहटी, बुदनी तहसीलों में भंडारण क्षमता से अधिक वेयर हाउसों का निर्माण हो गया है। वेयर हाउसों के अधिक निर्माण के कारण कई वेयर हाउस तो गेहूं खरीदी में ही खाली रह गए थे। जिन वेयर हाउसों में गेहूं पूरी तरह भरा गया था वहां से भी गेहूं का उठाव हो चुका है। ऐसे में ज्यादातर वेयर हाउस खाली पड़े हुए हैं। अब वेयर हाउस मालिकों को अपने-अपने वेयर हाउसों को भरने की भी चिंता हैै। इसलिए उन्होंने किसानोें के घरों से मूंग उठवाकर अपनेे-अपने माल गोदामों मेें पटका ली है। अब यह मूंग इन वेयर हाउसों के मालिकोें के लिए भी मुसीबत बन रही है।