सीहोर। गौ रक्षा ग्रुप रेहटी एवं श्रीकृष्ण गौ गोपाल समिति सहित अन्य गौ सेवकों द्वारा चलाए गए गाय घेरो अभियान के बीच में सीहोर जिले में लंपी बीमारी की दस्तक हो गई। इसने जिला प्रशासन की चिंता भी बढ़ा दी। हालांकि ऐहतियात के तौर पर लंबी बीमारी से पीड़ित गायों का टीकाकरण किया गया तो वहीं कलेक्टर द्वारा सीहोर जिले में लंबी बीमारी को लेकर धारा-144 लागू कर दी गई। इधर गौ सेवकों ने गायों की सुरक्षा को लेकर अभियान चलाया, लेकिन यह अभियान प्रशासन सहित किसानोें के लिए भी मुसीबत बन गया। गाय घेरो अभियान के तहत जिन गायों को घेेरकर देलावाड़ी के जंगल में ले जाया गया था वे सभी गायें वापस लौट आईं। गायों के जत्थे रात होते ही वापस लौट आए। इसके चलते जहां ये आवारा पशु किसानोें के खेतों में घुसकर फसलों कोे नुकसान पहुंचा रहे हैं तोे वहीं इनके कारण सड़कों पर चलने वाले राहगीर भी परेशान हैं।
आवारा पशुओं को सुरक्षित स्थानोें पर पहुंचानेे एवं इन पशुओें के साथ होने वाली दुर्घटनाओें से बचानेे सहित राहगीरोें को सुकूून देने के लिए गौ रक्षा ग्रुप रेहटी एवं श्रीकृष्ण गौ गोपाल समिति सहित अन्य गौ सेवकों ने बुदनी विधानसभा में 13 जुलाई को गाय घेरो अभियान चलाया। इसके तहत रेहटी, भैरूंदा तहसील की गायों को घेरकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया, लेकिन रात में गायों के जत्थे वापस होने लगे। इनके कारण जहां मुख्य मार्ग पर कई बार जाम की स्थिति बनी तो वहीं दुर्घटनाओं की संभावनाएं भी बरकरार रही। अब गायों के जत्थों की वापसी से किसानों की आफत बढ़ गई है। ये आवारा पशु अब किसानों के खेतों में घूसकर उनकी फसलों को बरबाद कर रहे हैं।
उम्मीद से अधिक हो गए आवारा पशु-
गौ रक्षा ग्रुप रेहटी एवं गौ सेवकों ने सड़कों पर घूमती आवारा पशुओं को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए गाय घेरों अभियान चलाया। इसके तहत 12 जुलाई की रात से ही गायों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का क्रम शुरू हो गया, जो कि 13 जुलाई को दिनभर चलता रहा। गौ सेवकों को उम्मीद थी कि 3 से 4 हजार आवारा पशु होंगे, लेकिन जब इन आवारा पशुओं के घेरने का क्रम शुरू हुआ तो इनकी संख्या लगभग 20 हजार के आसपास पहुंच गई। दिनभर गायों के जत्थे निकलते रहे। इसके चलते सड़कों पर बार-बार जाम की स्थिति बनती गई। सड़कों पर चल रहे वाहन रैंगते-रैंगते चले। लोगों को गाड़ियां चलाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। दिन में इन गायों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया, लेकिन रात में इन गायों के जत्थे वापस रवाना होने लगे। 100-200 गायों के जत्थे वापस हुए तो फिर से जाम की स्थिति बनने लगी। इसके कारण किसानों की ज्यादा आफत हो गई। दरअसल इस समय किसानों के खेतों में धान, सोयाबीन, मक्का की फसलें लगी हुईं हैं और अब ये गायें किसानों के खेतों में घुसकर उनकी फसलों को बरबाद कर रही हैं।
कांग्रेस ने उठाया सवाल, दर्ज हो एफआईआर-
गौवंश को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई। गौ भक्तों की फेल हुई मुहिम के कारण अब किसानों की आफत हो गई है। इसको लेकर कांग्रेस नेता विक्रम मस्ताल शर्मा ने कहा है कि एक तरफ लंपी जैसी घातक बीमारी गायों में फेल रही हैै तोे वहीं उसी समय गाय घेेरोे अभियान चलाया गया। इसके कारण अब गायों में यह बीमारी तेजी से फैलेगी। उन्होंने प्रशासन को भी सवालों के घेरे में लेते हुए कहा है कि इसका जिम्मेदार जिला प्रशासन है। कांग्रेस नेता अर्जुन शर्मा निक्की ने कहा कि बिना तैयारी के इतनी बड़ी संख्या में गायों को सुरक्षित स्थानों पर कैसे पहुंचाया जा सकता है। यदि गौ सेवकों को यह अभियान चलाना था तो इसकी पहले तैयारी करनी थी, लेकिन बिना तैयारी के ही गायों को घेरकर जंगलों में छोड़ने चल दिए और अब ये गायें वापस होकर किसानों की फसलों को बरबाद कर रही है। इस मामले में एफआईआर दर्ज होनी चाहिए और जिन्होंने ये मुहिम चलाई है उन पर कार्रवाई भी होनी चाहिए।
सीहोर में 19 पशु लंपी बीमारी से संक्रमित मिले-
पशुओं में लम्पी रिकन डिसीज का प्रकोप प्रारम्भ हो गया है। सीहोर नगरपालिका क्षेत्र में 19 पशु लंपी बीमारी से संक्रमित पाए गए हैं। बीमारी की रोकथाम के लिए बीमार पशुओं का उपचार किया जा रहा है तथा स्वस्थ पशुओं में टीकाकरण किया जा रहा है। कलेक्टर प्रवीण सिंह के निर्देश पर सीहोर नगरपालिका क्षेत्र में तीन दिवसीय टीकाकरण अभियान चलाया गया है। इसके लिए सीहोर जिले के अन्य विकासखंड से पशु चिकित्सकों एवं पेरावेट की सेवाएं ली जा रही हैं। पहले दिन टीकाकरण का कार्य सुबह 10 बजे प्रारम्भ किया गया। बीच में वर्षा के कारण टीकाकरण कार्य अवरुद्ध रहने के बाद शाम 5 बजे तक 594 पशुओं का टीकाकरण किया गया। टीकाकरण में 102 निराश्रित पशु है, जो सड़क पर पाए गए। यह अभियान 15 जुलाई तक चलेगा, जिसमें सीहोर नगरपालिका के शत प्रतिशत पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा। नागरिकों को सलाह दी जा रही है की वे अपने पालतू पशुओं को सड़क पर न छोड़े। उन्हें अपने घर पर ही बांधे अन्यथा उन्हें निराश्रित समझकर गौशालाओं में भेज दिया जाएगा। यह अभियान पशुपालन विभाग, नगरपालिका एवं जिला प्रशासन के सहयोग से चलाया जा रहा है। भैरूंदा नगर परिषद क्षेत्र में 800 पशुओं में टीकाकरण किया गया। सीहोर-भैरूंदा नगरीय क्षेत्रों में विभागीय चिकित्सकों के अतिरिक्त नगरपालिका/नगर परिषद के अधिकारी / कर्मचारी टीकाकरण के कार्य एक अभियान के रूप में चला रहे हैं।
पशु पालकों द्वारा पशुओं को सार्वजनिक स्थलों पर एकत्रित करना प्रतिबंधित-
पशुओं में होने वाली लम्पी स्किन डिसीज पशुओं की एक वायरल बीमारी है, जो कि पॉक्स वायरस द्वारा पशुओं मे फैलती है। यह रोग मच्छर, काटनेवाली मक्खी एवं टिक्स आदि से एक पशु से दूसरे पशुओं में फैलता है। लम्पी स्किन डिसीज का संक्रमण गाय एवं भैस में फैलता है। मुख्यतः गौवंश में ज्यादा फैलता है। हाल ही में उक्त रोग के संक्रमण से संपूर्ण जिले में अनेक पशु संकमित हुए हैं। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी प्रवीण सिंह ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत जनसामान्य के हित, जानमाल एवं पशु धन की सुरक्षा तथा लोक शांति को बनाए रखने के लिए जिले की संपूर्ण सीमा क्षेत्र में प्रतिबंधत किया जाता है। संपूर्ण जिले में पशु मेला एवं पशु हाट बाजारों तथा पशुओं के कय विक्रय को प्रतिबंधित किया जाता है। संपूर्ण जिले की सीमा क्षेत्र में पशुओं के परिवहन को प्रतिबंधित किया जाता है। गौशाला संचालक व गौ सेवा से संबंधित संस्थान संकमित पशुओं को उपचार, सुरक्षा के लिए अन्य पशुओं से प्रथक रखेंगे। अन्य जिलों एवं राज्यों से जिले की सीमाक्षेत्र में पशुओं के आवागमन को प्रतिबंधित किया जाता है। पशु पालको, व्यक्तियों द्वारा पशुओं को सार्वजनिक स्थलों पर एकत्रित करना प्रतिबंधित किया जाता है।