इधर सीएम ने दी कई सौगातें, तो उधर नजर आया सड़कों पर विरोध
उंचाखेड़ा में बिजली-पानी को लेकर चक्काजाम, मांगें नहीं पूरी होने पर करणी सेना का भी विरोेध
सीहोर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को बुधनी विधानसभा के चकल्दी एवं गोपालपुर में करोड़ों रूपए के विकास कार्योें एवं निर्माण कार्योेेें का लोकार्पण-भूमिपूजन किया। मुख्यमंत्री ने चकल्दी कोे महाविद्यालय सहित कई सौगातें दी तोे वहीं गोपालपुर कोे भी तहसील बनाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार बुधनी विधानसभा को एक आदर्श एवं मॉडल विधानसभा बनाने की कवायद कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय नेताओं की कार्यप्रणाली एवं कार्यशैली मुख्यमंत्री के सपनों पर भारी पड़ रही है। बुधनी विधानसभा क्षेत्र केे स्थानीय नेताओं की मनमानी के कारण मुख्यमंत्री को अपने दौरों के दौरान विरोध झेलना पड़ रहा है। एक समय था जबकि बुधनी विधानसभा से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 19 लालबत्ती गाड़ियां देकर यहां केे नेताओं को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिलाया था, लेकिन अब विरोध के स्वर भी उठने लगे हैं।
चक्काजाम करने बताई स्थिति-
मुख्यमंत्री के चकल्दी दौरे के ऐन पहले उंचाखेड़ा के लोगोें ने मुख्य मार्ग पर चक्काजाम कर दिया। उनकी मांग थी कि वे चार दिनों से अंधेेरे में रह रहे हैं। उनके घरोें में पीनेे का पानी नहीं आ रहा है। इस दौरान उन्होेंने यहां के भाजपा नेताओं पर भी आरोेप-प्रत्यारोप लगाए। चक्काजाम कर रही महिलाओें ने कहा कि यहां केे बड़े-बड़े लोग ही सुविधाओं में रह रहे हैं और गरीबोें को कोई सुविधाएं नहीं हैं। हालांकि चक्काजाम की सूचना मिलने पर रेहटी तहसीलदार जयपाल शाह उइके एवं जनपद पंचायत बुदनी के सीईओे देेवेश सराठे मौके पर पहुंचे और चक्काजाम कर रहे लोगों कोे समझाकर चक्काजाम समाप्त कराया। इधर कांग्रेस नेता एवं अभिनेता विक्रम मस्ताल शर्मा ने भाजपा सरकार को आड़े हाथोें लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की विधानसभा में लोगों कोे मूलभूूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। उन्हें बिजली, पानी के लिए चक्काजाम करना पड़ रहा है। यहां पर विकास की बातें होे रही हैैं, लेकिन हर तरफ सिर्फ विनाश हो रहा है। विकास देखना है तोे कमलनाथजी के छिंदवाड़ा में जाकर देखना चाहिए। उन्होंने सरकार से अपील की हैै कि वेे उंचाखेड़ा के लोगोें की समस्याओें पर भी अपना ध्यान केंद्रित करें।
करणी सेना नहीं दिखा सकी कालेे झंडे-
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौैहान केे गोपालपुर पहुंचने पर करणी सेना की तैयारियां काले झंडे दिखानेे की थी, लेेकिन करणी सेना के सदस्य ऐसा नहीं कर सके और उन्हें पहले ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया। दरअसल करणी सेना अपनी 22 सूत्रीय मांगों को पूरा नहीं करनेे पर विरोध दर्ज करा रही है। करणी सेना को मुख्यमंत्री ने जनवरी में आश्वासन दिया था कि उनकी मांगोें कोे जल्द ही पूरा किया जाएगा। करणी सेना नेे भोपाल में 8 जनवरी को विरोेध-प्रदर्शन किया था। जंबूरी मैदान पर प्रदेशभर के लोग एकत्रित हुए थे। इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश के सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया भी यहां पहुंचे थे औैर उन्होंने प्रतिनिधियों से चर्चा करके 22 सूत्रीय मांगों को पूरा करवाने का आश्वासन दिया था। इसके बाद करणी सेना ने अपना प्रदर्शन भी रोक दिया था, लेकिन अब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की गई तोे अब वे प्रदेशभर में विरोध दर्ज करा रहे हैं। गोपालपुर में मुख्यमंत्री केे कार्यक्रम केे दौरान भैरूंदा ब्लॉॅक के करणी सेना के पदाधिकारी, सदस्य काले झंडे दिखाने की तैैयारी में थेे, लेकिन उससेे पहले ही उन्हें पुलिस ने हिरासत में लेे लिया औैर गाड़ी में बैठाकर वहां से रवाना कर दिया। करणी सेना के सदस्योें द्वारा पुलिस की गाड़ी में भी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। ऐसा वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल होे गया।
चकल्दी मेें भी दिखा विरोध, इन्होेंने सौंपे ज्ञापन-
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौैहान चकल्दी पहुंचे। इस दौरान वे पैदल चलकर गांव से निकले। यहां पर अतिथि शिक्षकोें नेे उन्हें ज्ञापन सौैंपा एवं नियमितीकरण सहित अपनी अन्य मागोें कोे पूरा करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने अतिथि शिक्षकोें से ज्ञापन लिया। इसके बाद मुख्यमंत्री जब कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे तोे यहां पर शासकीय महाविद्यालय रेहटी में अध्यापन कार्य कर रहे अतिथि विद्वानों ने भी मुख्यमंत्री कोे ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगें पूरी करनेे का ज्ञापन सौंपा। अतिथि विद्वानोें की भी मांग है कि उन्हें नियमित किया जाए एवं उनके वेतन-भत्तेे सहित अन्य मांगों पर भी सरकार विचार करे। चकल्दी के ग्रामीणोें ने भी कार्यक्रम स्थल पर अपनी मांगोें कोे लेकर जमकर हल्ला मचाया। दरअसल चकल्दी के ग्रामीण आवास नहीं मिलने, घरों में पानी घुसने सहित अपनी कई अन्य समस्याओें को लेकर मुख्यमंत्री से मिलना चाह रहे थे, लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया। इस दौरान उन्होंने पूर्व सरपंच सहित वर्तमान सरपंच एवं यहां के जिम्मेदार भाजपा नेताओं पर आरोेप लगाए हैं कि यहां के मंडल अध्यक्ष सहित अन्य नेता उनकी बातों को नहीं सुनते।