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विवाद निराकरण का सबसे बेहतर विकल्प उसका परस्पर सहमति से समाधान है: प्रधान जिला न्यायाधीश

सीहोर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा ए.डी.आर सेंटर भवन के सभागृह में मध्यस्थता जागरूकता कार्यक्रम सह पैरालीगल वालेन्टियर्स व पैनल लॉयर्स की नेशनल लोक अदालत बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में प्रधान जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष अमिताभ मिश्र ने कहा कि विवाद के निराकरण के कई प्रकार हो सकते हैं, किन्तु सबसे बेहतर विकल्प विवाद का आपसी सुलह समझाईश के माध्यम से समाधान है जो लोक अदालत मीडिएशन आदि माध्यमों से संभव है। हम सभी का यह प्राथमिक उद्देश्य होना चाहिए कि पक्षकार को त्वरित न्याय एवं विवाद का समाधान प्राप्त हो सकें, अगर हम यह कर पाते है तो इससे ज्यादा संतुष्टि देने वाला पुण्य कार्य नहीं हो सकता। उनके द्वारा सभी उपस्थित न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण, पैरालीगल वालेन्टियर्स से आव्हान किया गया कि आगामी 09 सितम्बर 2023 की नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों को रखा जाये एवं निराकरण का प्रयास किया जाये।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मुकेश कुमार दांगी द्वारा कार्यक्रम में नेशनल लोक अदालत एवं मध्यस्थता योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होंने अधिक से अधिक संख्या में वृक्षारोपण करने, लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम एवं भारतीय झण्डा सहिता 2002 तथा राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 के अंतर्गत भारतीय राष्ट्रीय ध्वज से सम्बंधित प्रावधानों के बारे में भी जानकारी दी गई। इस दौरान विशेष न्यायाधीश सुरेश सिंह, प्रधान न्यायाचीश कुटुम्ब न्यायालय सुमन श्रीवास्तव एवं अध्यक्ष अभिभाषक संघ रविन्द्र भारद्वाज ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

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