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भगवान भाव के भूखे हैं, सुनते हैं सच्चे दिल की पुकार: पंडित प्रदीप मिश्रा

सीहोर। भगवान भाव के भूखे हैं, सुनते हैं सच्चे दिल की पुकार। एक हाथी की पुकार सुनकर भगवान दौड़े आए, हाथी मनुष्य नहीं जीव था। दिल से पुकारना और दिखावें से पुकारने में अंतर है। गजेंद्र मोक्ष कथा आती है, जब भगवान अपने भक्त के बुलाने पर नंगे पांव भागे चले आए। जैसे एक मां अपने बच्चे की पुकार सुनकर आती है। उसी प्रकार भगवान है। उक्त विचार शहर के बड़ा बाजार स्थित अग्रवाल धर्मशाला में जारी सात दिवसीय भागवत कथा के चौथे दिवस भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहे। मंगलवार को कथा के चौथे दिन सैकड़ों की संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव आस्था और उत्साह के साथ मनाया। इस मौके पर सुंदर झांकी सजाई गई थी, भगवान श्रीकृष्ण के साथ बलदाऊ भी शामिल थे। श्रीकृष्ण जन्म के प्रसंग शुरू होते ही धर्मशाला और बाहर बैठे हजारों की संख्या में मौजूद श्रद्धालु नंद के आनंद भयो जय कन्हैयालाल की भजनों के साथ झूम उठे।

भागवत कथा सुनने से मोक्ष की प्राप्ति होती है-
मंगलवार को कथा के चौथे दिन पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि कलयुग में भागवत की कथा सुनने से जीव को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जन्म-जन्मांतर के पापों का अंत भी होता है। उन्होंने कहा कि प्रभु तक पहुंचने के लिए गुरु शिक्षा, सत्संग ही सुगम सीढ़ी है। हमें अहंकार को खुद पर हावी नहीं होने देना चाहिए। मनुष्य के विनाश का मूल कारण ही अहंकार होता है। जब-जब धरा पर अत्याचार, दुराचार, पापाचार बढ़ता है, तब-तब प्रभु का अवतार होता है। प्रभु का अवतार अत्याचार को समाप्त करने और धर्म की स्थापना के लिए होता है। मनुष्य इस सांसारिक मोह में फंसकर अपने जीवन को व्यर्थ गंवा देता है। भगवान श्रीकृष्ण के जयकारों के साथ भगवान श्रीकृष्ण का जन्म उत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया। इस दौरान कथा पंडाल को भव्य तरीके से सजाया गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा सुनने के लिए पहुंचे। इसके बाद आरती कर प्रसादी वितरित की गई।

वैसे तो भगवान के अनेकों नाम है-
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि वैसे तो भगवान के अनेकों नाम हैं। जैसे गोपाल, मुरलीधर, माधव, केशव, मनमोहन, गिरिधर पर भक्तों के मत को अगर सुना जाए तो भगवान का सबसे सुंदर नाम है भक्तवत्सल, जिसका अर्थ होता है- वह जो अपने भक्तों के स्नेह, प्रेम, भाव पर बहुत ही जल्दी रीझ जाए और अपना सर्वस्व निछावर कर दे। फिर चाहे बात भक्तशिरोमणि प्रह्लाद की तपस्या की हो या भील कुल में जन्मी माता शबरी का वात्सल्य प्रेम हो, भगवान भाव के भूखे हैं, हम जब भी उन्हें सच्चे दिल से याद करते है, वे हमारी पुकार सुनते हैं। जीवन में जब भी भगवत नाम सुनने का अवसर प्राप्त हो, उससे विमुख नहीं होना चाहिए। परमात्मा अवतार धारण करके धरती पर धर्म की स्थापना करते हैं। कथा के श्रवण करने की सार्थकता तब ही सिद्ध होती है, जब इसे हम अपने जीवन व व्यवहार में धारण कर निरंतर भगवान का स्मरण करते हैं।

राजा बलि का प्रसंग सुनाया-
पंडित श्री मिश्रा ने प्रसंग आगे बढ़ते हुए कहा कि राजा बलि ने उन दिव्य बटुक को देखकर प्रणाम कर उनका स्वागत किया। कहा कि आप हमारे इस यज्ञ में पधारे हो आपकी जो इच्छा हो मुझसे कहिए। राजा बलि के आग्रह करने पर वामन भगवान ने अपने पग से 3 पग पृथ्वी दान में मांगी। बलि के गुरु शुक्राचार्य ने भगवान विष्णु को पहचान कर अपने शिष्य का हित समझकर उसे दान करने से रोकना चाहा। किंतु बलि ने उनकी बात न मानकर 3 पग पृथ्वी दान का संकल्प किया। भगवान वामन ने विराट स्वरूप धारण कर एक पग से स्वर्गादिलोक और दूसरे पग से पाताल लोक को नाप लिया और तीसरा पग राजा बलि के मस्तक पर रखकर बलि का संकल्प पूर्ण किया।

लगाया जाएगा छप्पन भोग-
अग्रवाल महिला मंडल की अध्यक्ष ज्योति अग्रवाल ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी लगातार 24वें वर्ष भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा के द्वारा भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा के पांचवे दिवस गोवर्धन पूजन और छप्पन भोग लगाया जाएगा। कथा दोपहर दो बजे से आरंभ होती है।

हिन्दु उत्सव समिति ने किया भोजन के पैकेटों का वितरण-
नगर के बड़े बाजार स्थित अग्रवाल पंचायती भवन में कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्रा के श्रीमुख से चल रही कथा के दौरान भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है। प्रदेश ही नहीं विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पधार रहे हैं। इसको दृष्टिगत रखते हुए हिन्दु उत्सव समिति द्वारा बड़े बाजार स्थित सत्यनारायण मंदिर के सामने प्रतिदिन हजारों भोजन के पैकेटों का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है। श्री शिवाय नमस्तुभ्यम् की जयघोष के साथ श्रद्धालु भोजन प्रसादी पाकर प्रसन्न मुद्रा में नजर आते हैं। नगरवासियों द्वारा भी हिन्दु उत्सव समिति के प्रयासों की सराहना की जा रही है। इस अवसर पर प्रमुख रूप से आशीष गुप्ता, पवन गुप्ता, सुनील अग्रवाल, नितेश गुप्ता, राजेन्द्र नागर, मनीष गुप्ता, पुरुषोत्तम मीणा, दिलीप गांधी, अजय सोनी गुड्डु, देवेश अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में संस्था के सदस्यों एवं नागरिकों द्वारा उपस्थित होकर सहयोग प्रदान किया जा रहा है।

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