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रेहटी में नियम दरकिनार, सज गया पटाखोें का बाजार !

- पटाखा विक्रेताओं ने नियमों को ताक पर रखकर सजा ली दुकानें

रेहटी। दीपावली पर पटाखों की बिक्री के लिए रेहटी में पटाखे विक्रेताओं ने नियमों का दरकिनार करके अपनी दुकानें सजा ली। इससे जहां रेहटी नगर बारूद के ढेर पर बैठ गया है तो वहीं चुनाव आचार संहिता का भी उल्लंघन सामने आ रहा है। पटाखे विक्रेता बेफ्रिक होकर इन्हें बेचने में लगे हुए हैं। उन्हें लोगों की जान की परवाह नहीं है।
रेहटी नगर मेें हर वर्ष दीपावली पर पटाखों की दुकानें बड़ी संख्या में लगाई जाती है। पटाखों की दुकानें लगाने के लिए नियम है, लेकिन इन नियमों के तहत दुकानें नहीं लगाई जाती है। दरअसल आतिशबाजी विक्रेताओं को दुकानें लगाने के लिए 15 दिनों के लिए अस्थाई लाइसेंस दिया जाता है। इसके लिए पुलिस से इनकी रिपोर्ट मांगी जाती है। दुकानों के लिए 1500 केजी एवं 500 केजी की दो दुकानों के बीच 15 मीटर की दूरी रखना होती है। 50 केजी आतिशबाजी दुकानों के बीच में तीन मीटर की दूरी रखना आवश्यक है। विक्रेताओं द्वारा 125 डेसिबल से ज्यादा आवाज वाले पटाखों का विक्रय नहीं किया जाना चाहिए। सुतली बम एवं चीनी बम बेचने पर भी प्रतिबंध है। इसके अलावा शासन से मान्यता प्राप्त कंपनी के पटाखों की बिक्री ही मान्य है, लेकिन रेहटी में पटाखे विक्रेताओें ने इनमें से कई नियमोें का पालन नहीं किया है और वे अपनी दुकानें सजाकर बैठ गए हैं।
सुरक्षा के उपकरण भी नहीं-
पटाखा विक्रेताओं के पास दुकान में सुरक्षा केे उपकरण भी होना अनिवार्य है। यदि किसी तरह की कोई घटना हो तो उससे बचा जा सके, लेकिन रेहटी के दशहरा मैदान में लगने वाली दुकानोें पर सुरक्षा के उपकरण नहीं रहते। पटाखा विक्रेताओं की दुकान में अग्निशमन यंत्र, सीज फायर, रेत की बाल्टियां, पानी पर्याप्त मात्रा में रखा जाना चाहिए, लेकिन यहां पर ऐसे कोई भी नियम का पालन होता नहीं दिखता है। ऐसे में लोगों की जान भी खतरे में ही रहती है।
इनका कहना है-
दीपावली पर पटाखों की दुकानेें लगाने वाले विक्रेताओें के लिए नियम होते हैं और इन नियमों के तहत ही उन्हें दुकाने भी लगानी होती है। यदि कोई भी दुकानदार नियमों को दरकिनार करके दुकानें लगाता है तोे उस पर जुर्माने की कार्रवाई की जाती है। रेहटी में लगने वाली दुकानों की भी जांच की जाएगी और नियमों के तहत ही इनकी दुकानें भी लगवाई जाएगी।
– भूपेंद्र कैलाशिया, तहसीलदार, रेहटी

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