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मावठे ने किसानों को किया खुश, अब ठंड ने दिखाया असर, लोग घरों में दुबके

सीहोर जिले में आई तापमान में गिरावट, जिलेभर में दर्ज की गई 5.7 मिमी वर्षा दर्ज

सीहोर। प्रदेशभर सहित सीहोर जिले में मावठा गिरा। इससे जहां किसानों के चेहरों पर खुशी दिखी तो वहीं मौसम भी अचानक से ठंडा हो गया। लोग घरों में दुबक गए तो वहीं सड़कों पर भी भीड़भाड़ कम देखने कोे मिली। इस दौरान सीहोर जिले में 5.7 मिमी वर्षा दर्ज की गई तो वहीं तापमान में भी अच्छी खासी गिरावट आई। मौसम विभाग द्वारा जारी की सूचना के बाद सोमवार से मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल गया। रविवार और सोमवार की दरमियानी रात में मावठे की पहली जोरदार बारिश से जिला तरबतर हो गया। किसानों के अनुसार मावठे से रबी सीजन की प्रमुख गेहूं-चना के साथ अन्य फसलों को लाभ होगा। तापमान में गिरावट से बच्चे और बड़े सभी दिनभर गर्म वस्त्रों में लिपटे नजर आए। कई स्थानों पर अलाव भी जलाए गए।
रविवार के मुकाबले सोमवार को अधिकतम तापमान में 5.4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई, वहीं रात के तापमान 1.6 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज की गई। सुबह की आर्द्रता 79 प्रतिशत व शाम की 88 प्रतिशत रही, जो रविवार को क्रमशः 70 व 55 प्रतिशत थी। नवंबर माह की विदाई के अंतिम दिनों में मौसम ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक रविवार से दिनभर बादल छाए रहे। सोमवार को जिलेवासियों को सूर्य दर्शन नहीं हुए। दिनभर रूक-रूक कर हल्की बारिश होती रही। आरएके कॉलेज के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएस तोमर ने बताया कि मानें तो एक नया पश्चिमी विक्षोभ देश के उत्तर-पश्चिम क्षेत्रों में पहुंचने वाला है। साथ ही पूर्वी और पश्चिमी हवाएं आपस में टकराने वाली है। इसके चलते कई जिलों में वर्षा व ओलावृष्टि होने का अनुमान है। 28 नवंबर तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा।
गेहूं, चना की फसल में फायदा-
इछावर क्षेत्र में सोमवार की सुबह बादल छाने के बाद तेज वर्षा शुरू हो गई। किसान मुकेश मेवाड़ा ने बताया कि मावठे की बारिश से रबी सीजन की गेहूं, चना की फसल में फायदा होगा। मटरफली में नुकसान होगा। वर्तमान समय में मटर पककर तैयार खड़ी है। किसान फली तोड़कर मंडी में बेचने पहुंच रहे हैं। गेहूं, चना की फसल खेतों में लहलहा रही है। वर्तमान में खरपतवार नाशक दवाइयों का छिड़काव किया जा रहा है। किसान अभी सिंचाई कार्य में व्यस्त थे। अब कुछ दिनों सिंचाई कार्य बंद हो जाएगा।
किसानों के चेहरे खिले-
मावठे की जोरदार बारिश से पानी ही पानी हो गया। किसानों के चेहरे खिले-खिले नजर आए। मौसम में ठंडक घुल गई। किसानों का कहना है कि मावठे की वर्षा रबी फसलों के लिए फायदेमंद होगी। मौसम में बदलाव के बाद दिनभर जलेबी, गराडू, चाय, काफी की दुकानों पर शौकीनों की भीड़ लगी रही। सभी गप्पे लड़ाते हुए व्यंजनों का लुत्फ उठाते रहे। आष्टा नगर व आसपास के गांवों में अलग-अलग समय में कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी तो कहीं तेज वर्षा हुई। गरज-चमक के साथ मावठे की बारिश से सड़कें तरबतर हो गई।
बारिश से जड़माहू रोग हो जाएगा समाप्त-
कृषि वैज्ञानिक डॉ एसएस तोमर ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र से मौसम में परिवर्तन आया है। बारिश होने से रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं और चने को सर्वाधिक फायदा होगा, श्री तोमर ने बताया कि बारिश से फसलों पर जड़माहू रोग पूरी तरह समाप्त हो जाएगा और दीमक में भी कमी आएगी, ऐसे में किसानों को सलाह दी गई है कि फसलों में यूरिया का छिड़काव करें, जिससे फसलों को काफी फायदा होगा। बताया गया है कि अगले 24 घंटे भी मौसम का मिजाज ऐसा ही रहेगा। अच्छी बारिश होने की संभावना है और कहीं-कहीं ओले भी गिर सकते हैं।

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