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Sehore News : 7 लाख मीट्रिक टन लक्ष्य के लिए समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के साथ धांधली भी शुरू, दलाल भी सक्रिय

- नियमानुसार छोटे कांटे से होनी है तुलाई, लेकिन वेयर हाउसों में बडे़ कांटों से तुलाई करवाकर किया जा रहा है भंडारण

सीहोर। प्रदेशभर सहित सीहोर जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं की तुलाई का कार्य शुरू हो गया है। सीहोर जिले में इस बार 7 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदी का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए तुलाई के साथ ही धांधली भी शुरू हो गई है। गेहूं खरीदी के दलाल भी सक्रिय हो गए हैं, जो गेहूं खरीदी से संबंधित एजेंसियों के जिम्मेदारों के इशारों पर खेल करते हैं। ये दलाल रेहटी सहित अन्य तहसीलों में भी सक्रिय हैं। गेहूं खरीदी में सबसे ज्यादा मनमानी भैरूंदा तहसील के वेयर हाउसों में देखने को मिल रही है। यहां बता दें कि इस बार गेहूं खरीदी पॉलिसी में छोटे कांटे से गेहूं की खरीदी होनी है, लेकिन भैरूंदा तहसील के वेयर हाउसों में बड़े कांटे से गेहूं की ट्रालियां तुलवाकर वेयर हाउसों में रखवाया जा रहा है। ऐसे में किसानों में भी गुस्सा है, वहीं नियमों को दरकिनार करके कार्य कराया जा रहा है।
प्रदेश सरकार द्वारा किसानों से समर्थन मूल्य 2275 रूपए एवं 125 रूपए बोनस सहित 2400 रूपए प्रति क्विंटल के साथ खरीदी का कार्य शुरू किया गया है। गेहूं खरीदी का कार्य सीहोर जिले में नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा करीब 228 केंद्रों पर किया जाएगा। खरीदी से पहले कलेक्टर प्रवीण सिंह द्वारा कई खरीदी केंद्रों का निरीक्षण करके नीति के तहत गेहूं खरीदी के निर्देश संबंधित अधिकारी-कर्मचारियों को दिए गए हैं, लेकिन इन अधिकारी-कर्मचारियों को कलेक्टर के निर्देशों की चिंता नहीं है। वे तो अपनी मनमानी से ही खरीदी का कार्य कर रहे हैं।
ये दिए हैं निर्देश एवं ये बनाए हैं नियम-
समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए पॉलिसी बनाई गई है। इसके तहत कुछ मापदंड एवं नियम भी तय किए गए हैं। इन नियमों के पालन को लेकर कलेक्टर द्वारा भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं, लेकिन इनका पालन नहीं कराया जा रहा है। तय नियमों के तहत गेहूं खरीदी का कार्य छोटे कांटों से कराया जाना है। इसके लिए एक खरीदी सेंटर पर कम से कम 4 कांटे अनिवार्य रूप से होना चाहिए। खरीदी कार्य 7 मई तक किया जाना है। कृषकों से गेहूं उपार्जन कार्य सप्ताह में 5 दिन (सोमवार से शुक्रवार) सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक किया जाएगा। कृषक तौल पर्ची शाम 6 बजे तक जारी की जाएगी। सभी सेवा सहकारी समिति एवं विपणन समिति के 179 केन्द्रों के प्रबंधों को निर्देश दिए गए हैं कि गेहूं की गुणवत्ता एवं नियंत्रण भारत सरकार द्वारा तय मापदंडों के अनुसार ही किया जाए।
किसानों के लिए होनी चाहिए ये सुविधाएं, लेकिन नहीं मिलती-
गेहूं खरीदी के लिए बनाई गई पॉलिसी के तहत किसानों को खरीदी केंद्रों पर मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जानी है, लेकिन ज्यादातर खरीदी केंद्रों पर ये सुविधाएं उपलब्ध नहीं होती है। ऐसे में किसानों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। किसानों के लिए खरीदी केंद्रों पर बैठने के लिए दरियां, टेबल, कुर्सी, पेयजल, शौचालय, छाया, बिजली सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए, लेकिन उन्हें ये सुविधाएं नहीं मिलती हैं।
खरीदी के लिए दलाल भी सक्रिय-
गेहूं खरीदी के कार्य के साथ इनके दलाल भी सक्रिय हो गए हैं। इन दलालों के माध्यम से खरीदी करने वाली एजेंसियों के साथ ही समिति की मिलीभगत करके बड़ा खेल किया जाता है। ये खेल हर वर्ष होता है, लेकिन इसके बाद भी इन दलालों पर रोक नहीं लगाई जाती है। ये दलाल गांव-गांव घूमकर ऐसे किसानों से गेहूं कम कीमत पर खरीद लेते हैं, जो या तो छोटे किसान होते हैं या फिर उन्हें तत्काल पैसों की जरूरत होती है। ऐसे में उन्हें मजबूरी में अपनी उपज सस्ते दामों पर बेचना पड़ती है। इसके बाद वेयर हाउसिंग कारपोरेशन, वेयर हाउस संचालक सहित खरीदी करने वाली समिति के जिम्मेदार मिलीभगत करके इस गेहूं को किसानों के खाली पंजीयनों पर तुलवाकर बिल बनवा देते हैं। यह लाखोें, करोड़ों का खेल हर वर्ष किया जाता है।
इनका कहना है-
गेहूं खरीदी का कार्य शुरू हो गया है। इसके लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। गेहूं खरीदी का कार्य इस बार छोटे कांटों से किसानों के सामने किया जाना है। इसके लिए सभी को निर्देशित भी किया गया है। यदि गेहूं खरीदी में धांधली की शिकायतें मिलेंगी तो इन पर कठोर कार्रवाई भी की जाएगी।
– सुशील पंडित, जिला प्रबंधक, नागरिक आपूर्ति निगम, सीहोर

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