सीहोर : चैकिंग के दौरान 9 लाख से अधिक राशि जब्त, 15 वारंटी गिरफ्तार
सीहोर। जिले के बुधनी विधानसभा में होने वाले उपचुनाव को लेकर विधानसभा की सीमा रेखाओं पर लगाई गई एसएसटी चेकपोस्ट पर लगातार चैकिंग की जा रही है। इस दौरान अब तक बड़ी मात्रा में नकदी की जप्ती की गई है। गत दिवस भी बकतरा स्थित एसएसटी चेक पोस्ट पर चैकिंग के दौरान कर्मचारियों द्वारा 9 लाख 10 हजार 750 रुपए नगद राशि जब्त की गई। बुधनी उपचुनाव के कारण जिले में आदर्श आचार संहिता प्रभावशील है, जिसके चलते 50 हजार रुपए से अधिक नगद राशि ले जाना प्रतिबंधित है। इससे पहले भी जांच के दौरान नगदी राषि जप्त की गई है। इधर उपचुनाव की आदर्श आचार संहिता के तहत स्थाई एवं गिरफ्तारी वारंटियों की तामिली को लेकर पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शुक्ला के निर्देष एवं एएसपी गीतेष गर्ग, नगर पुलिस अधीक्षक निरंजन सिंह राजपूत के मार्गदर्षन में थाना कोतवाली द्वारा रात्रि में कांबिंग गस्त के दौरान 8 स्थाई वारंटी एवं 7 गिरफ्तारी वारंटियों की गिरफ्तार करके न्यायालय में पेष किया गया। पकड़े गए गिरफ्तार स्थाई वारंटियों में नुसरत अली निवासी कस्बा सीहोर, अखिलेश बड़ोदिया निवासी हाउसिंग बोर्ड सीहोर, रवि सेन निवासी फॉरेस्ट कॉलोनी गंज, विशाल लोधी निवासी जहांगीरपुर, राजेश यादव निवासी धबोटी, सूरज लोधी निवासी जहांगीरपुरा के साथ ही गिरफ्तारी वारंटियों में रामनरेश तिवारी निवासी स्टेशन रोड सीहोर, पुरुषोत्तम शर्मा निवासी सुदामा नगर गंज, संजीत पवार निवासी लुनिया मोहल्ला सीहोर एवं राधेश्याम सेन निवासी फॉरेस्ट कॉलोनी गंज सीहोर है। इस कार्रवाई में थाना प्रभारी कोतवाली मनोज मालवीय, थाना प्रभारी मंडी निरीक्षक मायासिंह, एसआई राकेश, पतिराम, दिलीप मसकुले, ललित पांडे, महेंद्र रविदास, संतोष वास्तवर, पंकज यादव, मंगेश मीणा, रामलता, तेज सिंह, हेमसिंह, विवेक, अमन दुबे, चंद्र प्रताप, विक्रम जाट की अहम भूमिका रही।
पुलिस ने निकाला फ्लैग मार्च-
बुधनी विधानसभा उपचुनाव को शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष रूप से संपन्न कराने के लिए पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार षुक्ला के निर्देष पर भैरूंदा अनुभाग के भैरूंदा थाना क्षेत्र के संवेदनशील मतदान केंद्रों भैरूंदा कस्बा, दुर्गा चौक, रेस्ट हाउस रोड, सर्वहारा कॉलोनी, बजरंग कुटी में सीआईएसएफ की कंपनी एवं थाना बल द्वारा एरिया डोमीनेशन फ्लैग मार्च किया गया। इस कार्रवाई का उद्देष्य लोगों से संवाद करना एवं उन्हें बिना किसी भय, प्रलोभन या प्रभाव के अपने विवेकानुसार मत का प्रयोग करने हेतु आश्वस्त करना था। इस दौरान लोगों को अधिक से अधिक संख्या में मताधिकार का प्रयोग करने हेतु प्रोत्साहित किया गया। फ्लैग मार्च के माध्यम से जनता और पुलिस के बीच संवाद स्थापित किया गया और उन्हें हर परिस्थिति में पुलिस सहायता हेतु आश्वस्त किया गया।