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Sehore News… 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का समापन, 1000 से अधिक निःशुल्क पौधों का किया वितरण

300 कन्याओं को दी गई दीक्षा, विवाह समारोह भी हुआ आयोजित

सीहोर। शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में शक्ति संवर्धन विराट 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन शहर के सैकड़ाखेड़ी मार्ग पर किया गया। इस मौके पर यज्ञ अनुष्ठान संपन्न कराए गए। गायत्री मंत्र और अन्य वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ में भक्तों ने जोड़े के साथ आहुतियां दी और विश्व कल्याण की कामना की। यज्ञ में विशेष रुप से आहुतियां भी समर्पित की गई, जिनका मुख्य उद्देश्य वातावरण का शुद्धिकरण और पर्यावरण का शुद्धिकरण है। यज्ञ के पश्चात महाआरती हुई तथा प्रसादी वितरण किया गया। दिव्य अनुष्ठान के समापन पर करीब 1000 से अधिक पौधों का गायत्री परिवार की ओर से उपजोन समन्वयक आरपी हाजरी, जिला कार्यक्रम संयोजक रमिला परमार और मीडिया प्रभारी पुष्पा शर्मा ने वितरण किया। कार्यक्रम संयोजक श्रीमती परमार ने बताया कि चार दिवसीय भव्य महायज्ञ में वरिष्ठ समाजसेवी अखिलेश राय, विधायक सुदेश राय, अरुणा राय, नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर, पूर्व नगर पालिका, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जसपाल सिंह अरोरा, पूर्व विधायक रमेश सक्सेना, गायत्री परिवार ट्रस्ट के पदाधिकारी सुरेश त्यागी, राजेन्द्र प्रसाद मोदी, विष्णु शर्मा, त्रिलोकनाथ, शांतिकुंज हरिद्वार के प्रतिनिधि जगदीश प्रसाद कुर्मी, जोन प्रभारी राजेश पटेल आदि के सहयोग से भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
नशा, कुरीति उन्मूलन के लिए की जा रही हैं गतिविधियां-
इस मौके पर विद्वान वक्ता टोली नायक दीना त्रिवेदी ने कहा कि मनुष्य में देवत्व और धरती पर स्वर्ग के अवतरण के लिए गायत्री परिवार द्वारा संस्थापक वेदमूर्ति तपोनिष्ठ श्रीराम शर्मा आचार्य की मंशानुसार विश्व स्तर पर शिक्षा, स्वास्थ्य, साधना, नारी जागरण, पर्यावरण, नशा कुरीति उन्मूलन के लिए गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। हम गायत्री परिवार के तत्वाधान में शहर के साथ गावों में व्यापक स्तर पर युग परिवर्तनकारी गतिविधियां चला रहे हैं। भारतीय संस्कृति के अनुसार सोलह संस्कार वेद और पुराण में बताए गए हैं। गायत्री परिवार के संस्थापक ने इनके अलावा दो संस्कार और जोड़े, इसमें एक जन्मदिवस संस्कार और एक विवाह दिवस संस्कार है। इस तरह अठारह संस्कार हो जाते हैं। कुछ संस्कार हमारे बीच से लुप्त हो गए हैं, जैसे पुसवन संस्कार, नामकरण संस्कार, अन्नप्राशन संस्कार, यज्ञोपवीत संस्कार आदि।
नवदंपत्तियों को शादी के समय लिए गए सभी वचन याद-
उन्होंने कहा कि गायत्री परिवार द्वारा 11 जोड़ों का विवाह भी कराया गया है। वर्तमान समय में नवदंपत्तियों के बीच किसी न किसी बात को लेकर टकराव की स्थिति बनती है। यह स्थिति धीरे-धीरे एक बड़े विवाद का कारण बन जाती है। कुछ मामलों में तो बड़ों की सीख पर ऐसे विवादों को समाप्त कर दिया जाता है, लेकिन कुछ मामलों में परिवारों का विघटन और रिश्ते तलाक तक पहुंच जाते हैं। नवदंपत्तियों के बीच ऐसी स्थिति पैदा न हो, इसके लिए गायत्री शक्तिपीठ की ओर से इसी वर्ष से अभिनव संस्कार सत् प्रवृत्ति संवर्धन सामूहिक रूप से करवाया जा रहा है। इससे कोशिश की जा रही है कि नवदंपतियों को शादी के समय लिए गए सभी वचन याद रहे। वे इनका पालन भी करें। जिला कार्यक्रम संयोजक श्रीमती परमार ने बताया कि टोली की विदाई दी गई। यहां पर 300 कन्याओं को दीक्षा दी गई। पूर्णाहुति में हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
हजारों दीपक जलाकर की गई विश्व शांति और कल्याण की कामना-
अखिल विश्व गायत्री परिवार के मार्गदर्शन में चार दिवसीय 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के दौरान गायत्री परिवार और श्रद्धालुओं द्वारा हजारों की संख्या में विराट दीप महायज्ञ का आयोजन किया गया। इस मौके पर शांतिकुंज-हरिद्वार से पधारी मुख्य अतिथि शैफाली पण्ड्या दीदी ने कहा कि हमारे मन के अंधकार को दूर कर हमें सत्य और प्रकाश की ओर अग्रसर होना है। इस मौके पर ध्यान साधना, प्रज्ञा योग, संस्कार परंपरा, नारी जागरण एवं कन्या कौशल शिविर का आयोजन किया गया था।

शिव-शक्ति दिव्य अनुष्ठान, वैशाख माह में किया जाएगा 21 लाख महामृत्युंजय मंत्र का जाप
सीहोर के सीवन तट स्थित हनुमान मंदिर गोपालधाम में शिव प्रदोष सेवा समिति के तत्वाधान में शिव शक्ति दिव्य अनुष्ठान वैशाख महापर्व का आयोजन किया जा रहा है। पूरे वैशाख माह में आधा दर्जन से अधिक विप्रजनों द्वारा 21 लाख महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जा रहा है। गुरुवार को भगवान शिव का अभिषेक किया गया। यज्ञाचार्य पंडित पवन व्यास, पंडित कुणाल व्यास और समिति की ओर से मनोज दीक्षित मामा सहित अन्य विप्रजनों के मार्गदर्शन में श्रद्धालुओं ने 12 कुंभ से भगवान का विशेष अभिषेक किया। पंडित श्री व्यास ने बताया कि भगवान शिव को शीतलता प्रदान करने के लिए जलधारा की परंपरा है। इस महीने में शिवलिंग पर जल चढ़ाना और दान करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है और कई लोग इस दौरान शिव पूजा करते हैं।

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