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रिश्वतखोर बीपीएम पर अब तक नहीं हुई विभागीय कार्रवाई, सोशल मीडिया पर बता रही खुद को निर्दोष

- जिम्मेदार दे रहे अवकाश का हवाला, कार्रवाई के अगले दिन शनिवार को ऑफिस में बैठकर किए कई ट्रांसजेक्शन

सीहोर। जिले के भैरूंदा स्थित सिविल अस्पताल में पदस्थ रिश्वतखोर विकासखंड कार्यक्रम अधिकारी निशा अचले पर लोकायुक्त कार्रवाई तो हो गई। लोकायुक्त की टीम ने निशा अचले को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथोें गिरफ्तार भी किया, लेकिन अब तक उन पर विभागीय कार्रवाई नहीं हो सकी। सीएमएचओ सीहोर डॉ. सुधीर डेहरिया, जिला कार्यक्रम अधिकारी दीपक डेहरिया सहित अन्य जिम्मेदार अवकाश का हवाला देकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रहे हैं। लोकायुक्त कार्रवाई शुक्रवार-शनिवार रात्रि में हुई। इसके बाद निशा अचले शनिवार को अपने कार्यालय पहुंची एवं उन्होंने कई ट्रांसजेक्शन भी किए। इतना ही नहीं लोकायुक्त कार्रवाई के बाद अब वह सोशल मीडिया पर खुद को निर्दोष साबित करने में जुटी हुईं हैं।
सीहोर जिले में भ्रष्टाचार चरम पर है। स्वास्थ्य विभाग में तो भ्रष्टाचार के कई रिकार्ड भी टूट रहे हैं। जिले के भैरूंदा विकासखंड में भ्रष्टाचारी विकासखंड कार्यक्रम अधिकारी तो लोकायुक्त के हत्थे भी चढ़ गईं हैं, लेकिन यहां पर कई ऐसे भ्रष्टाचार हो रहे हैं, जिनकी जानकारी तो जिम्मेदारों को है, लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं हो रही है। भैरूंदा ब्लॉक मेडिकल कार्यालय में कई घपले-घोटाले हैं। इसके अलावा लाड़कुई सहित अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी मनमानी का आलम है।
आशा कार्यकर्ता एवं सीएचओ मना रही खुशियां-
रिश्वतखोर विकासखंड कार्यक्रम अधिकारी निशा अचले की शिकायत खजूरी उप स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ सीएचओ नर्मदी अश्वारे ने की थी। इसके बाद जांच कराई गई, जो सही पाई गई। इस मामले में लोकायुक्त टीम ने निशा अचले को उनके घर के बाहर ही 6 हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था। इस कार्रवाई के बाद आशा कार्यकर्ताओं एवं उप स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ सीएचओ खुशियां भी मना रही हैं।
आशा कार्यकर्ताओं ने की थी शिकायत-
विकासखंड कार्यक्रम अधिकारी निशा अचले की लोकायुक्त में शिकायत से पहले जनसुनवाई में भी शिकायत दर्ज कराई गई थी। आशा कार्यकर्ताओं ने 13 मई को जनसुनवाई में शिकायत की थी। शिकायत में आशा कार्यकर्ताओं ने भत्ते सहित अन्य शिकायतें की थीं।
सोशल मीडिया पर बता रही निर्दोष-
लोकायुक्त कार्रवाई के बाद निशा अचले सोशल मीडिया पर खुद को निर्दोष साबित करने में जुटी हुई है। उन्होंने अपने व्हाट्सअप स्टेटस पर लिखा है कि मुझे कुछ नहीं हुआ है। संघर्ष ही जीवन है, अच्छे लोगों के साथ ऐसा ही होता है। यह एक साजिश थी, जो होना था हो गया। मेरे सभी परम मित्र भाइयों, बहनों को बुरा लग रहा है। कोई टेंशन नहीं है ना टेंशन लेना। भगवान के घर देर है अंधेर नहीं। एक अन्य स्टेटस में निशा अचले ने लिखा कि मेरी सभी आशा दीदियों, आशा सहयोगियों, जिन्होंने किया जो आपसे अब नजरें नहीं मिला पाएंगे। सिस्टर्स सभी दीदियों के साथ अच्छा काम किया। आप सभी को बुरा लग रहा, मैं मस्त हूं, जिन्हें जलन थी उन्होंने अपनी जललिता निकाल ली। उससे ज्यादा हम खुश हैं, वो खुश होकर भी देखी है, नौकरी है रहेगी, ईमानदारी से कार्य करने वालों के साथ भगवान है, चिंता न करें। धन्यवाद।
ये बोले जिम्मेदार-
सीएमएचओ डॉ. सुधीर डेहरिया ने बताया कि अवकाश के कारण अब तक विभाग से कुछ लिखित में नहीं आया है। अब सोमवार को देखते हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी दीपक डेहरिया ने बताया कि वे शासकीय कार्य से बाहर थे, उन्हें कार्रवाई का मीडिया के माध्यम से पता चला है।

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