
सीहोर। भोपाल में हुई स्कूल बस दुर्घटना के बाद अब प्रदेशभर सहित सीहोर जिले में स्कूल बसों सहित अन्य वाहनों की चैकिंग के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट एवं हाईकोर्ट मध्य प्रदेश के निर्देश के बाद पुलिस मुख्यालय द्वारा सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं। इसी कड़ी में सीहोर जिले में पुलिस के साथ जिला परिवहन अधिकारी (आरटीओ) द्वारा संयुक्त अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान की शुरुआत 13 मई से हुई थी। 13 मई से अब तक 558 वाहनों पर चालानी कार्यवाही करते हुए 4 लाख 93 हजार 800 रुपए वसूले गए हैं। अभियान 31 मई तक चलाया जाएगा।
सीहोर जिले में पुलिस अधीक्षक सीहोर दीपक कुमार शुक्ला के निर्देशन, एएसपी सुनीता रावत के मार्गदर्शन में जिला पुलिस सीहोर एवं जिला परिवहन अधिकारी द्वारा स्कूली बसों एवं लोक परिवहन वाहनों पर मोटर व्हीकल एक्ट के अंतर्गत संयुक्त कार्यवाही की गई। इसमें 3 स्कूली बसों पर बिना परमिट/परमिट की शर्तों का उल्लंघन की धारा में कार्यवाही करते हुए 1 लाख 24 हजार रुपए समन शुल्क वसूला गया एवं 1 स्कूल बस जिसमें फर्स्ट एड बॉक्स नहीं पाए जाने पर भी विधिवत चालानी कार्यवाही की गई। इसी प्रकार लोक परिवहन वाहनों पर जिला पुलिस सीहोर एवं जिला परिवहन अधिकारी द्वारा संयुक्त वाहन चैकिंग कर मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही करते हुए 15 ओवरलोडिंग लोक परिवहन वाहन पर चालानी कार्यवाही करते हुए समन शुल्क 32 हजार 300 रुपए, 8 बिना परमिट/परमिट की शर्तों का उल्लंघन करने वाले लोक परिवहन वाहन पर चालानी कार्यवाही करते हुए समन शुल्क 81 हजार रुपए, 3 बिना फिटनेस लोक परिवहन वाहन पर चालानी कार्यवाही करते हुए समन शुल्क 10 हजार रुपए, 3 लोक परिवहन वाहन में अग्निशमन यंत्र न होने पर समन शुल्क 1500 रुपए वसूला गया। इस प्रकार संपूर्ण जिले में विशेष अभियान के तहत जिला पुलिस सीहोर एवं जिला परिवहन अधिकारी द्वारा संयुक्त कार्यवाही करते हुए कुल 558 चालान बनाए गए एवं कुल समन शुल्क रुपए 4,93,800 रुपए वसूल किया गया। विशेष अभियान के पालन में जिला पुलिस सीहोर एवं जिला परिवहन अधिकारी सीहोर की यह संयुक्त कार्यवाही निरंतर आगे भी जारी रहेगी।
ज्यादातर स्कूल बसें अभी बंद है –
इस समय स्कूलों की छुट्टियां चल रही हैं। ऐसे में ज्यादातर स्कूल बसें खड़ी हुई हैं। ज्यादातर स्कूल बसों की स्थितियां कंडम है। ऐसे में पुलिस और आरटीओ की कार्रवाई से कई स्कूल बसें बच गई हैं। यदि पुलिस एवं जिला परिवहन अधिकारी उनके स्कूल कैंपस सहित अन्य स्थानों पर खड़ी बसों पर भी जाकर जांच करे तो इन बसों की वास्तविक स्थिति सामने आएगी।