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सीहोर में कांवड़ यात्रा… उमड़ा जनसैलाब, हुआ स्वागत, निर्देशों को भी ढेंगा!

सीहोर। सावन मास में हर साल की तरह इस वर्ष भी सीहोर की जीवनधारा सीवन नदी से जल लेकर कुबेरेश्वर धाम तक भव्य कावड़ यात्रा निकाली गई। यह कावड़ यात्रा सीहोर बस स्टैंड स्थित पोस्ट ऑफिस चौराहे से प्रारंभ हुई और गंगा आश्रम रोड़, सीवन नदी घाट, कोलीपुरा चौराहा, इंदौर नाका, चौपाल सागर होते हुए कुबेरेश्वर धाम पहुंचेगी। कांवड़ यात्रा से पहले सीवन नदी तट पर पंडित प्रदीप मिश्रा की उपस्थिति में पूजा पाठ हुआ। इसके बाद कांवड़ यात्रा की शुरुआत हुई। इस दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता जसपाल सिंह अरोरा ने पंडित प्रदीप मिश्रा का स्वागत, सत्कार किया, फूल बरसाए। इसके बाद वे भी हाथों में कांवड़ लेकर यात्रा में साथ चले। इस दौरान पूरा सीहोर शिवमय भक्ति में रंगा नजर आया। हर तरफ श्रद्धालु ही श्रद्धालु दिखाई दिए तो वहीं चारों तरफ से बम-बम भोले के जयकारे गुंजायमान होते रहे। कुबेरेश्वर धाम के प्रबंधक समीर शुक्ला और मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि कांवड़ यात्रा के लिए देशभर के मशहूर बैंड और डीजे भी सीहोर पहुंचे हैं। कांवड़ यात्रा में शामिल होने के लिए देशभर सहित प्रदेशभर एवं सीहोर जिलेभर से लोग सीहोर पहुंचे। दो दिन पहले ही लाखों श्रद्धालु कुबेरेश्वर धाम पहुंच चुके थे। यात्रा के दौरान जगह-जगह सामाजिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों, राजनीतिक पार्टियों, हिन्दू उत्सव समिति सहित अन्य लोगों ने मंच बनाकर कावड़ियों पर फूलों की वर्षा की तो वहीं हेलीकॉप्टर से भी कावड़ियों पर फूलों की वर्षा हुई।
अल सुबह से ही लोग सीवन नदी तट पहुंचे –
कावड़ यात्रा में शामिल होने के लिए अल सुबह से ही लोग सीवन नदी तट पर पहुंच गए एवं कांवड़ भरकर यात्रा में शामिल होने लगे। सुबह करीब 9.30 बजे से यात्रा की शुरुआत हो गई। इस बार कांवड यात्रा में सारजन और रावण को मध्यप्रदेश का बाबा डीजे भी टक्कर दे रहा। दो दर्जन से अधिक डीजे और झांकियां कांवड यात्रा में शामिल हुईं। समिति के मीडिया प्रभारी मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि कुबेरेश्वर धाम का कांवड़ मेला हर साल भक्तों के लिए एक विशेष अवसर होता है। इस मेले में भक्तगण श्रद्धा और भक्ति के साथ कांवड़ लेकर चलते हैं और भगवान शिव को जल अर्पित करते हैं। यह मेला न केवल धार्मिक भावना को प्रकट करता है, बल्कि समाज को एकजुट करने का भी कार्य करता है। कांवड़ यात्रा में शामिल होने वाले भक्त, शहर की जीवनदायनी मां सीवन से जल भरकर 11 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हैं, जो उनकी भक्ति को दर्शाता है। इस यात्रा में कठिनाइयों का सामना करते हुए भी लोग अपने श्रद्धा भाव के साथ आगे बढ़ते हैं। कुबेर भंडारी की कांवड़ विशेष रूप से कष्टों के निवारण के लिए मानी जाती है और भक्तगण इसे लेकर अत्यधिक श्रद्धा रखते हैं। कांवड़ मेला सावन मास के साथ ही शुरू हो गया है और आगामी 8 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान शहर के सोया चौपाल श्रीराधेश्याम विहार कालोनी, इंदौर नाका, राय परिवार, गुप्ता परिवार के अलावा अन्य आधा दर्जन से अधिक सेवा के पंडाल लगाए गए हैं।
जिला प्रशासन में आदेश हुए हवाहवाई –
कांवड़ यात्रा के दौरान कलेक्टर बालागुरु के. और एसपी दीपक कुमार शुक्ला के निर्देश भी ठेंगा दिखाते हुए नजर आए। प्रशासन ने व्यवस्थाओं को लेकर अधिकारियों की ड्यूटी भी लगाई, बड़ी संख्या में पुलिस बल भी लगाया गया। रूट भी डायवर्ड किया गया था, लेकिन इसके बाद भी बड़े वाहन, ट्रक, बसें कांवड़ यात्रा मार्ग से ही निकलते रहे। भोपाल-इंदौर मार्ग पर भी जाम लगता रहा। लगातार बड़े वाहन यात्रा मार्ग से होकर आवाजाही करते रहे।
एक दिन पहले ही पहुंचे गए थे एक लाख से ज्यादा लोग –
कावड़ यात्रा में शामिल होने के लिए एक दिन पहले ही देशभर से सीहोर में एक लाख से ज्यादा लोग पहुंच चुके थे। कुबेरेश्वर धाम का पूरा केंपस श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था। इस दौरान यहां रहने एवं भोजन प्रसादी की व्यवस्था भी ध्वस्त नजर आई। हालांकि कई सामाजिक संगठनों ने भी अपनी-अपनी धर्मशालाएं लोगों के लिए खोल दी थी। होटल भी सभी फुल रहे।

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